
यूनिक समय, मथुरा। होली का पर्व न केवल रंगों से भरा होता है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जब लोग अपनी पुरानी गलतियों को भूलकर शत्रु से भी प्रेम और सौहार्द के साथ मिलते हैं। इस साल होली पूजन को लेकर जनता में जिज्ञासा बनी हुई है। श्री चंद्र ज्योतिषज्ञ यज्ञदत्त चतुर्वेदी शास्त्री के अनुसार, 13 मार्च को होलिका दहन होगा, जबकि अगले दिन, शुक्रवार को रंगों वाली होली खेली जाएगी।
होलिका दहन के दौरान तिथि, भद्रा और शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखा जाता है। इस वर्ष होलिका दहन पर भद्रा का साया सुबह 10 बजकर 38 मिनट से रात 11 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। 13 मार्च को सुबह 10:38 बजे से फाल्गुन पूर्णिमा का समापन होगा, जो 14 मार्च को दोपहर 12:27 बजे तक चलेगा। इस कारण 13 मार्च को दिन और रात को पूर्णिमा तिथि होने की वजह से होलिका दहन इसी दिन किया जाएगा।
Leave a Reply