समस्तीपुर में श्रावण माह की पंचमी पर नाग पंचमी का उत्सव कई जगहों पर धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान लोग जहरीले सांप को अपने हाथ और कंधे पर लेकर करतब दिखाते रहे। लोगों को सांप के काट लेने का बिल्कुल भय नहीं था। सांप भी इन्हें काट नहीं रहे थे। सांप लोगों के गले मे ऐसे लिपटे थे जैसे मानो इनके दोस्त हो।
लोगों ने नाग पंचमी पर सांपों की पूजा करने के बाद लोगों ने इनको वापस अपनी जगह पर छोड़ दिया। नाग पंचमी के उत्सव में हजारों लोग जुटे थे। दूर-दूर तक लोगों के हाथों में सिर्फ लंबे-लंबे सांप नजर आ रहे थे। समस्तीपुर जिले के विभिन्न गांवों में यह उत्सव मनाया गया।
जिले के विभूतिपुर के सिंघिया घाट पर पंचमी उत्सव मनाने का अद्भुत नजारा दिखा। यहां सैकड़ों लोग अपने हाथों में जहरीले सांपों को लेकर भगवान भोलेनाथ की भक्ति में डूबे दिखे। सांपों को अपने कंधे और हाथों में लेकर नदी घाट से मंदिर तक गाजे-बाजे के साथ पैदल आए। मां विषहरी देवी की पूजा की गई।
सांपों को दूध एवं धान का लावा चढ़ाया गया। नाग देवता के दर्शन के लिए स्थानीय लोग भी सड़क पर उतर आए। सिंघिया घाट के अलावा ओरियामा, बम्बइया, मनियरपुर, बसढिय़ा, मालपुर, नवादा,कोनैला समेत अन्य गांवों में नाग पंचमी मेले का आयोजन धूमधाम से हुआ।
सिंघिया घाट पर भगत राम सिंह नामक युवक ने माता विषहरि का नाम लेते हुए पहले मंदिर से कई सांपों को निकाला। इसके बाद कई लोग नदी घाट पर गए। भगत राम सिंह ने जितनी बार नदी में डुबकी लगाया उतनी बार सांपों को लेकर बाहर निकला। सांपों को भक्तों को दिया। घंटो सांपों के साथ करतब दिखाने के बाद भक्त मंदिर गए। वहां नाग देवता की पूजा करने के बाद सांपों को छोड़ दिया।
वहीं नाग पंचमी के मौके पर विभिन्न गांवों में महिलाओं ने गोबर से घर के चारों ओर लकीर खींची। प्रसाद के तौर पर एक दूसरे को दही और नीम की पत्ती दी।
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