मुडिया पूर्णिमा मेला में दिखा पुलिस का अमानवीय चेहरा

नैतिकता भूल बरसाती दिखी पुलिस डंडा किसी को नहीं बक्शा
गिरधारी लाल श्रोत्रिय
मथुरा। गोवर्धन के प्रसिद्ध राजकीय मुडिया पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा) मेले में बेलगाम पुलिस कर्मियों का अमानवीय चेहरा पांचों दिन तक सुर्खियों में रहा। जहां पुलिस ने कभी सरकारी डॉक्टर को पीटा को, कभी रिक्शा चालक और अब पत्रकार के साथ मारपीट कर खुलेआम गुंडई की है।
गिरिराज जी की परिक्रमा मार्ग में रिक्शा चला कर गरीबी काट रहे लोगों पर लाठी बरसाती सीएम योगी की पुलिस और उसकी मार खाकर चोटों के निशान देखता गरीब रिक्शा चालक अपनी फरियाद हर किसी को सुना रहा है। वह रिक्शा में बैठा कर गिरिराज जी परिक्रमा एक महिला श्रद्धालु को लगवा रहा था। जैसे जतीपुरा परिक्रमा मार्ग में पहुंचा पुलिस कर्मी उस पर लाठियां भांजने लगा। वह अब नहीं आयेगा चिल्लाता रहा लेकिन पुलिस कर्मी ने उसकी एक नहीं सुनी। यूपी पुलिस का कायराना कृत्य को देख परिक्रमार्थी श्रद्धालु भक्त उत्तर प्रदेश सरकार को धिक्कारते दिखे।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही सूबे के पुलिसकर्मियों को कितना ही नसीहत का पाठ पढ़ा लें, लेकिन पुलिस है कि मानती नहीं । मथुरा के गोवर्धन में 12 जुलाई से शुरू हुए पांच दिवसीय राजकीय मुडिया पूर्णिमा मेले में आये पुलिसकर्मियों का अमानवीय चेहरा बार-बार परिक्रमार्थियो व स्थानीय लोगों की परेशानी का सबब बना रहा । ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मी आईजी आगरा जोन ए सतीश गणेश के विनम्रता के साथ ड्यूटी देने के नसीहत के पाठ को विसराकर अपनी अमानवीय कार्यशैली का प्रदर्शन कर ही देते दिखे । शनिवार को ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों द्वारा मेला ड्यूटी में आए नौहझील प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सरकारी चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार कर दिया था । हालांकि प्रकरण चिकित्सकों से जुड़ा होने के कारण एसपी देहात आदिल्य कुमार के हस्तक्षेप के बाद आपसी सहमति से उक्त प्रकरण रफा-दफा करा दिया गया। मगर रविवार को कस्बा के ही जतीपुरा परिक्रमा मार्ग पर ड्यूटी पर लगे एक सिपाही द्वारा इतना अमानवीय व्यवहार पेश किया कि बार-बार स्थानीय लोगों सहित परिक्रमार्थी आक्रोशित होते दिखे। उक्त सिपाही का बेलगाम डंडा गरीब रिक्शा चालकों पर पशुओं की तरह बरसता रहा तथा रिक्शा चालक चोटिल होकर के मार खाकर श्रद्धालुओं को उतार कर भागते दिखे। यह वाक्या भी उस समय का था जब दिन में धूप की वजह से परिक्रमार्थी श्रद्धालुओं की भीड न के बराबर रहती है। हैवानियत का रूप लिए उक्त सिपाही रिक्शा चालक को देखकर ही इस कदर हैवानियत पर उतर आता था कि वह उससे कोई भी चेतावनी दिए बगैर ही डंडा प्रहार करने लगता । उक्त पुलिसकर्मी रिक्शा में बैठे ना तो बुजुर्ग और बच्चों को ही देख रहा था और ना ही किसी परेशान परिक्रमार्थी को । बस उसे तो डंडा भांजने से मतलब था। सिपाही की लाठियों से कई रिक्शा चालक घायल हो गए । छोटू नामक गरीब रिक्शा चालक के हाथ मे डंडे से चोट लग गयी तथा उसके रिक्शे के पहिये की तीनों बालबाडी निकाल कर पंचर कर दिया। वेलगाम सिपाही रिक्शों को पंचर भी कर कर रहा था। घटना की सूचना पर पहुंचे मीडियाकर्मी ने उक्त सिपाही की हैवानियत भरी कार्यप्रणाली को कैमरे में कैद कर जब उससे मेला की ब्रीफिंग के दौरान आईजी आगरा जोन ए सतीश गणेश द्वारा पढ़ाए गए नैतिकता के पाठ के विषय में पूछा तो वह अपने को इसी कार्यप्रणाली के आदेश मिलने की वकालत करने लगा। इतना ही नहीं इस कार्रवाई के दौरान उक्त सिपाही ने अपनी नाम पट्टिका भी वर्दी पर नहीं लगाई थी। मीडिया कर्मी द्वारा उसकी इस हरकत के विषय में पूछने पर वह मीडिया कर्मी से भी अभद्र व्यवहार पर उतर आया तथा हाथ में लगे मोबाइल कैमरे की रिकॉर्डिंग को छीनने का प्रयास करने लगा। सिपाही के हरकत की सूचना उच्चाधिकारियों को भी दी गई तो वह सिपाही कुछ देर के लिए मौके से घटनास्थल को छोड़ चला गया। मंगलवार की सायं आगरा से प्रकाशित एक समाचार पत्र के संवाददाता के साथ अडींग चौकी इंचार्ज और तीन—चार पुलिस कर्मियों ने अभद्रता करके मारपीट कर दी। यह प्रकरण पत्रकारों से जुड़ा होने के कारण एसएसपी ने दोषी पुलिस कर्मियों के विरूद्ध तुरंत कार्रवाही करते हुए निलंबित कर गैर जोन स्थानारंण की संस्तुति कर दी। लेकिन बेचारे रिक्शा चालक कहां जायें।
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