एक शख्स को उसकी काबिलियत और अहमियत तब समझ में आई, जब तक कि ब्रॉडबैंड कंपनी ने उसे सर्विस के बदले भारी-भरकम बिल नहीं भेज दिया। साधारण सर्विस के बदले ज्यादा चार्ज वसूलने पर शख्स को गुस्सा आया, मगर उसने ठंडे दिमाग से सोचा और खुद का फाइबर ब्रांड बनाने की तैयारी में जुट गया। वो कहते हैं न अगर बंदा ठान ले तो क्या नहीं कर सकता। इस शख्स के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ।
दरअसल, जारेड मॉच नाम के शख्स ने घर पर वेब एक्सेस के लिए ब्रॉडबैंड लगवाया हुआ था। मगर कुछ महीनों से उसका बिल काफी अधिक आ रहा था। हद तो तब हो गई, जब एक महीने का उसका बिल कंपनी ने पचास हजार डॉलर यानी लगभग 40 लाख रुपए भेज दिया। इसके बाद उसने अपना खुद का ब्रॉडबैंड लॉन्च करने की सोची। कुछ मशक्कत के बाद वो ऐसा करने में कामयाब भी हो गया और अब उसका न सिर्फ अपना फाइबर ब्रॉडबैंड है बल्कि, बहुत से लोगों को उसने कनेक्शन भी दे रखा है, जिससे उसे अच्छी कमाई होती है।
यही नहीं, अमरीकी सरकार ने भी जेराड का उत्साह बढ़ाने के लिए उन्हें ढाई मिलियन डॉलर की मदद दी है। जारेड ने अपने घर ब्रॉडबैड लगवाया हुआ था, जिसकी स्पीड कंपनी सिर्फ डेढ़ एमबीपीएस दे रही थी और बदले में बिल मोटा भेज रही थी। इसके बाद कंपनी ने एक महीने उन्हें चालीस लाख रुपए का बिल भेजा, जिसके बाद जारेड ने ब्रॉडबैंड हटवाया और खुद के फाइबर बॉडबैंड पर काम शुरू कर दिया। इसके लिए पहले टेलिफोन कंपनी शुरू की और दिग्गज इंटरनेट कंपनी कॉमकास्ट से नेटवर्क विस्तार करने को कहा।
जारेड के मुताबिक, बिल इतना अधिक था कि मैंने बस ये तय कर लिया कि कंपनी छोड़नी है और अपनी खुद की कंपनी बनानी है। चाहे उससे मुझे एक पैसे का फायदा नहीं हो, मगर यह मेरी अपनी होगी और मुझे किसी और तरह का चार्ज नहीं देना होगा। प्रक्रिया बेहद कठिन थी, मगर मुझे नेटवर्क इंजीनियरिंग आती थी, इसलिए मैं यह कर पाए। इसके बाद वॉशेटना फाइबर प्रापर्टीज के नाम से कंपनी शुरू कर की और फाइबर कंपनियों से तंग आ चुके अपने दोस्तों तथा पड़ोसियों से लॉगइन करने को कहा। आज करीब 70 पड़ोसी और कुछ दोस्त मेरी ब्रॉडबैंड कंपनी का इस्तेमाल कर रहे हैं और सरकार ने 600 अतिरिक्त घरों तक सुविधा पहुंचाने के लिए मुझे ढाई मिलियन डॉलर की अनुदान राशि दी है। अब लोग मेरी कंपनी में 100 एमबीपीएस तक की स्पीड का अनलिमिटेड डाटा लेकर साइन इन कर सकते हैं। बदले में उनहें सिर्फ 55 डॉलर यानी 43 सौ रुपए देने होंगे और यह फिक्स है। जारेड की यह रियल स्टोरी बताने का मकसद बस इतना था कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता। बस, आपको थोड़ा मेहनत और लगन से काम करने जरूरत है साथ ही दृढ़संकल्प की भी।
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