मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन चुराचांदपुर का दौरा करने वाले थे लेकिन उससे पहले ही यह जिला हिंसा की आग में जल उठा है। फिलहाल राज्य सरकार ने प्रभावित जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा ठप कर दी है। लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक लगाई गई है। हाल ही में सरकार ने रिजर्व और सुरक्षित जंगलों सहित वेटलैंड एरिया को लेकर सर्वे किया था। इससे नाराज लोगों ने सीएम के कार्यक्रम स्थल पर गुरूवार आगजनी की, जिससे जिले का माहौल खराब हो गया।
राज्य सरकार ने हालात को देखते हुए चुराचांदपुर जिले में धारा 144 लागू कर दी है ताकि दोबारा इस तरह की कोई घटना न होने पाए। घटना के बाद पुलिस ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके बाद यह निर्णय लिया गया है। पुलिस की रिपोर्ट है कि शांति भंग हो सकती है, घटना के लोगों के जीवन को खतरा हो सकता है। पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इस रिपोर्ट के बाद ही चुराचांदपुर के जिलाधिकारी एस थेंगलात्जाय गंगटे ने धारा 144 लागू करने का आदेश जारी किया है।
मणिपुर के आदिवासी नेताओं ने पूर्ण बंदी का ऐलान किया है। जिला प्रशासन ने इसलिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद की ताकि लोगों को मैसेज देकर एक जगह पर इकट्ठा न किया जा सके। कारण यह है कि आदिवासी नेता बीजेपी सरकार के सर्वे का पूरी तरह से विरोध कर रहे हैं और उसी क्रम में विरोध प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई गई। स्थानीय आदिवासियों का आरोप है कि इस सर्वे के माध्यम से उनके अधिकार छीनने की कोशिश की जा रही है। साथ सरकार चर्चों को तोड़ना चाहती है, जिससे आदिवासियों में भय व्याप्त है। आदिवासी फोरम ने शुक्रवार को सुबर 8 बजे से 4 बजे तक विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
राज्य सरकार मणिपुर में वनों और संरक्षित भूमि के साथ वेटलैंड्स का सर्वे करा रही है। सरकार का कहना है कि इन जगहों पर अवैध रुप से प्रवासी बस रहे हैं, जिससे वनों के साथ ही वेटलैंड्स को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं आदिवासियों का दावा है कि इस सर्वे से उनके हक छीने जा रहे हैं और चर्चों को तोड़ा जा रहा है।
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