
यूनिक समय, नई दिल्ली। मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी चेतावनी दी है। खामेनेई ने दो टूक कहा है कि अगर अमेरिका ने ईरान पर कोई सैन्य कार्रवाई की, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका ने इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू कर दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग की थी, जिस पर खामेनेई ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि ईरान अपने शहीदों की कुर्बानी को कभी नहीं भूलेगा और हर हमले का बदला लिया जाएगा।
खामेनेई ने कहा, “जो लोग ईरान के इतिहास से वाकिफ हैं, वे जानते हैं कि ईरानी धमकियों से नहीं डरते। ईरान न किसी जबरदस्ती की शांति को मानेगा और न ही किसी थोपे गए युद्ध को स्वीकार करेगा।”
ईरानी समाचार एजेंसी ‘तस्नीम’ के अनुसार, खामेनेई ने यह भी कहा कि अमेरिका को यह समझ लेना चाहिए कि ईरान किसी भी कीमत पर आत्मसमर्पण नहीं करेगा। उन्होंने चेताया कि यदि अमेरिकी सेना ने हमला किया, तो परिणाम अमेरिका के लिए बहुत ही भारी होंगे।
इजरायल को लेकर भी खामेनेई ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “इजरायल ने बहुत बड़ी गलती कर दी है और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हम अपने शहीदों के खून और क्षेत्र में हुए हमलों को नहीं भूल सकते।”
वहीं दूसरी ओर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 17 जून 2025 को कनाडा में G7 समिट से लौटने के बाद बयान दिया कि ईरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ईरानी हवाई क्षेत्र पर पूरी नजर रखे हुए है और ईरान की रक्षा प्रणाली अमेरिका के सामने कुछ नहीं है।
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें पता है कि ईरान के सर्वोच्च नेता कहां छिपे हैं, लेकिन अमेरिका फिलहाल हमला नहीं करेगा। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका का धैर्य अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिकी हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि अगर अमेरिका ने कोई भी कदम उठाया तो पूरा मिडिल ईस्ट युद्ध की चपेट में आ सकता है।
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