वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से फोन पर बात की। इस दौरान ट्रम्प ने कहा कि पाक भारत के खिलाफ तीखी बयानबाजी से बचे। ट्रम्प और इमरान के बीच एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार चर्चा हुई। वहीं, सोमवार को ट्रम्प और मोदी के बीच करीब 30 मिनट तक बात हुई। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई।
व्हाइट हाउस के मुताबिक, ट्रम्प ने इमरान को कहा कि पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के हालात पर भारत के साथ तनाव कम करने की जरूरत है। दोनों देशों को संयम से काम लेना चाहिए। ट्रम्प-इमरान ने अमेरिका-पाक के आर्थिक और व्यापार सहयोग को मजबूत करने को लेकर सहमति जताई।
सीमा पार आतंकवाद को रोकना जरूरी- मोदी
मोदी ने ट्रम्प के साथ बातचीत में कहा था- सीमा पार आतंकवाद को रोकना और आतंक व हिंसा से मुक्त माहौल बनाना क्षेत्र के लिए जरूरी है। उन्होंने ट्रम्प से अफगानिस्तान के विषय पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत एकजुट, सुरक्षित और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान के निर्माण के लिए लंबे समय से प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री ने इसी साल जून में जापान के ओसाका में ट्रम्प से हुई बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के वाणिज्य मंत्री जल्द ही द्विपक्षीय कारोबार के संबंध में चर्चा करने के लिए मिलेंगे।
इमरान ने अमेरिका को अपने पक्ष में करने की कोशिश की थी
मोदी की ट्रम्प से बातचीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने से भड़के इमरान खान ने हाल ही में अमेरिका को अपने पक्ष में करने की कोशिश की थी। पाकिस्तान के समर्थन में चीन अनुच्छेद 370 के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले गया था। परिषद में ‘बंद कमरे में चर्चा’ से पहले इमरान ने ट्रम्प को फोन किया था। हालांकि, ट्रम्प ने तब कश्मीर को द्विपक्षीय मामला बताकर इमरान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था। व्हाइट हाउस के मुताबिक, ट्रम्प ने इमरान को सलाह दी है कि अगर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के साथ तनाव कम करना चाहता है तो उसे द्विपक्षीय वार्ता की अहमियत समझनी होगी।
ट्रम्प ने कहा था- मध्यस्थता पर मोदी फैसला करें
ट्रम्प ने 22 जुलाई को वॉशिंगटन में इमरान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि मोदी ने उनसे कश्मीर मामले पर मध्यस्थता के लिए कहा था। हालांकि, उस वक्त भारत ने ट्रम्प के दावे को नकार दिया था। भारत ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर सिर्फ पाकिस्तान से बातचीत होगी।
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