वृंदावन के केशवधाम में हुआ कवि सम्मेलन, मैं रहूं या ना रहूं, मेरा देश रहना चाहिए

वृंदावन, मथुरा। बुधवार की शाम, कवियों के नाम रही। जगह थी कान्हा की नगरी में केशवधाम। मंच था लाडली जू सेवा फांउडेशन का । जाने-माने कवियों ने श्रोताओं को खूब हंसाया और गुदगुदाया भी। कभी वीर रस तो कभी श्रंगार तो कभी देशभक्ति में सराबोर नजर आए श्रोता।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष मुख्य अतिथि भारत सरकार के खाद्यय एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के स्वतंत निदेशक एवं दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री दिनेश दुबे, विशिष्ट अतिथि हाथरस के जिला संयोजक शिक्षक जयपाल सिंह चौहान एवं भाजपा मथुरा के जिला महामंत्री सतपाल चौधरी, आयोजक कवि अतुल चौहान एवं सभी कवियों ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया। सर्वप्रथम शिवपुरी मध्य प्रदेश से श्रंगार रस की कवियत्री मनु वैशाली ने मां सरस्वती की वंदना करते हुए कहा कि मैं रहूं, या ना रहूं, मेरा देश अमर कर दो।

केशवधाम में लगी कवियों की मेहफिल

कविता की प्रस्तुती देकर सबको देशभक्ति की राह दिखाई। भोपाल के प्रतीक चौहान ने भारत जैसा कोई दुनिया कोई गणतंत्र नहीं। दुनिया में वृंदावन सा कोई धाम नहीं, राम जैसा कोई दूजा नाम नहीं, कविता की प्रस्तुति देकर सबको देशभक्ति से सराबोर कर दिया। पूरे सदन तालियों से गूंजता रहा। हाथरस की कवियत्री गीता गीत ने अपनी कविताओं से सबका मन मोह लिया। उन्होने बेटा-बेटियों से अपील करते हुए कविता के जरिए से कहा कि मां बाप का कभी दिल दुखाना नहीं। इटावा से गौरव चौहान ने वीर रस की कविताएं सुनाकर खूब तालियां बटोरी। उन्होने कई हास्य चुटकुले सुनाकर सबको खूब हंसाया।

हिन्दू हमारी पहचान है, हिन्दुस्तान हमारी जान है, सहित कई अन्य कविताएं सुनाकर सबका मन जीत लिया। मुंबई से आए चंदन राय ने जो मेरे पास आना नहीं चाहता, मैं उसे बुलाना नहीं चाहता, मैं जीतना चाहता हूं, मगर किसी को हराना नहीं चाहता। कविता की प्रस्तुति देकर सबको भाव विभोर कर दिया। उन्होने कई अन्य कविताएं पढकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। कवियत्री मनु वैशाली ने वृंदावन धाम और राधा कान्हा के प्रेम से जुडी कविताएं सुनाकरसभी श्रोताओं को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।

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जयपुर से आए कवि अशोक चारण ने सनातन धर्म को अपशब्द कहने लोगों को करारा जबाव देते हुए कई कविताएं सुनाकर श्रोपाओं में खूब जोश भरा। लोगों ने खूब तालियां बजाई।कवि अतुल चौहान ने भी जोश से भरी हुई कविताएं सुनाकर सभी का दिल जीत लिया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता अशोक चारण ने संचालन लाडली जू सेवा फाउंडेशन के डायरेक्टर कवि अतुल चौहान ने किया। कार्यक्रम में सैकडों श्रोता अंतिम काव्य पाठ आनंद लेते रहे। इससे पूर्व आयोजक मंडल ने सभी को स्मृति चिन्ह एवं पटुका पहनाकर जोशीला स्वागत किया।

 

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