मेरे हाथों में चूड़ी खनकती रहे मेरे सुहाग की जिंदगी सलामत रहे, चांद के दीदार से पहले खुद बनीं ‘चांदनी’

karwa chauth

भैया इस चूड़ी सेट का सही दाम लगाओ, तीन लोग महिलाएं मेहंदी लगवाएंगी सही पैसे लगा लो, अरे दीदी साल में एक बार त्योहार आता है। उसमें भी मोल भाव अच्छा चलो पचास रुपए तो कम करो। देर रात तक शहर के बाजारों में कॉस्मेटिक, मेंहदी और करवों की दुकानों पर कुछ इस तरह का ही नजरा था। आज करवाचौथ है। महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए उपवास करेंगी। करवाचौथ से परंपराओं के निर्वहन के लिए शहर में बीते कई दिन से खरीदारी का माहौल है। सजने संवरने के लिए साड़ी लहंगों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ जमा है। ब्यूटी पार्लर पैक चल रहे हैं। मेहंदी आर्टिस्ट के पास लंबी बुकिंग है। दिन रात एक कर हाथों पर डिजाइनर मेहंदी लगाई जा रही है। बुधवार को महिलाओं की जरूरत के सामान की दुकानों पर दिन भर भीड़ लगी रही। देर शाम तक बाजार गुलजार रहे। यह सिलसिला आज देर रात तक जारी रहने की उम्मीद है।

सोने चांदी के साथ इमिटेशन ज्वलैरी का रहा क्रेज

सबसे ज्यादा ट्रेंड ज्वैलरी का है। खास उपहार के रूप में एथनिक ज्वैलरी ने जोर पकड़ा है। टैपिल ज्वैलरी को भी महत्व मिल रहा है। शहर के बाजारों में ज्वैलरीज की दुकानों पर भीड़ लगी रही। डायमंड के महंगे पेंडेंट सेट को भी बड़ी संख्या में खरीदार मिले हैं। इसके साथ इमेटिशेन ज्वैलरी का ज्यादा क्रेज दिखा। ड्रेस की मैचिंग से ज्यादा गोल्डन और सिल्वर इमिटेट डायमंड की मांग रही। इनकी कीमत 2500 से लेकर 35000 तक रही। इमिटेशन ज्वलैरी विक्रेता ने बताया कि इस बार इमिटेशन की खासी डिमांड रही है।

लहंगे की इस बार अच्छी मांग

शहर के जाने माने साड़ी शोरूमों पर बीते एक हफ्ते से पैर रखने की भी जगह नहीं। महीन वर्क के साथ ही ब्राइडल लुक वाले हैवी लहंगों की मांग के साथ जोर्जेट लहंगा विद हैवी वर्क साड़ी और लहंगे की इस बार अच्छी मांग आई है। इसके साथ ही वर्क वाली साड़ियां, अनारकली सलवार सूट को भी खरीदार मिल रहे हैं। जाने माने शोरूमों में तो स्टाफ को समय से खाना खाने की भी फुर्सत नहीं मिली।

स्प्रे गन के मेकअप की मांग

शहर भर के पार्लरों में भी विशेष छूट के साथ बुकिंग खूब की गई है। इस बार भी एवखश मेकअप की खूब मांग है। स्प्रे गन से किए जाने वाला यह मेकअप जाने माने पार्लरों में उपलब्ध कराया जा रहा है। लिक्विड कॉस्मेटिक इस्तेमाल होते हैं। ब्यूटी आर्टिस्ट के अनुसार इस मेकअप कारोबार से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता और खास लुक मिलता है। इसके साथ ही हैवी मेकअप की जगह नैचुरल मेकअप ज्यादा पसंद किया जा रहा है।

चांदी के करवे की बिक्री

मिट्टी के बने करवों के साथ ही इस बार पीतल, मिश्रित धातु और चादी के करवे की बाजारों में खूब खरीदारी हुई। लेकिन बाजार ने बिक्री बढ़ाने के लिए इसमें भी व्यापक रेंज तैयार की है। चांदी उत्पाद शोरूम में मंगलवार शाम को ऐसे करवे बड़ी तादाद में बिके। पुराने शहर के बाजारों में भी चांदी के करवे की अच्छी मांग रही।

करवा चौथ स्पेशल चूड़ी और कड़ों की भरमार

शाम को चांद के दीदार के लिए महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इसके लिए तमाम तरह के सामान बाजार में बिक रहे हैं। होली गली की तंग गलियों से लेकर विशालकाय मेगामार्ट में ऐसे सामान के लिए महिलाओं ने खरीदारी की करवा चौथ स्पेशल चूड़ी और कड़ों की भरमार है चूड़ियों में रंग रसिया, कुमकुम भाग्य, पति-पत्नी लगे फोटो चूड़ा महिलाओं की पहली पसंद बनी है। इनमें भी फिल्म और सीरियल के डिजाइन मांग में हैं।

पति के नाम की मेहंदी

ब्रांडेड कंपनियों के कॉस्मेटिक के सामान भी अच्छी तादाद में बिक रहे हैं। बीते तीन दिन से बाजारों में मेहंदी की धूम चल रही है। बाजारों में टेंट लगे हुए हैं। इनमें मेहंदी आर्टिस्ट की टीम महिलाओं के हाथ सजा रही है। कोई पति के नाम के अक्षरों के आसपास डिजाइन बनवा रही हैं। किसी को फिल्मी अदाकारा के हाथों में दिखे डिजाइन की दरकार है। एक हाथ के लिए 300 रुपये से लेकर कई गुना ज्यादा तक चार्ज लिया जा रहा है। बुधवार को देर रात तो कॉलोनियों में मेहंदी के लिए मेले लग गए।

इस बार सरगी हुई खास, ‘आईआरसीटीसी’ बनी मददगार

आज करवाचौथ है। महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए उपवास करेंगी। करवाचौथ पर सरगी का क्रेज बढ़ता जा रहा है। अब तक यह परंपरा पंजाबी समाज में चलती थी। लेकिन अब ये हर समाज से जुड़ गया है। सरगी को लेकर इस बार वर्किंग वूमेन जो घर से बाहर रहती हैँ। या हाउस वाइव्स जिनके पति दूर हैं। या महिलाएं जो ट्रेवलिंग कर रहीं हैँ। उनके लिए ‘आईआरसीटीसी’ खूब मददगार बनीं हैं। पतियों ने आर्डर किये और चार बजे तक पत्नियों के पास सरगी पहुंच गयी। सरगी तो खास हो गयी।

सरगी का विशेष महत्व

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि करवाचौथ के दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं। इस व्रत में सरगी का विशेष महत्व होता है। सरगी में मिठाई, फल और ये होते हैं। जो उनकी सास उन्हें स्वयं देती है। उसके बाद महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती है। उसके बाद चलनी से चांद देखकर और पति की आरती उतारकर अपना व्रत खोलती हैं।

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16 श्रंगार हैं शक्ति का खजाना
वास्तु एस्ट्रो विशेषज्ञ ने बताया कि करवाचौथ सुहागिन महिलाओ के लिए बेहद खास माना जाता है। 16 श्रृंगारों में हर शृंगार महिलाओं को शक्ति प्रदान करता है।
– गजरा पहनने से गर्दन के पीछे रीड़ की हड्डी कपाल से जुड़ती है।
– मांग टीका शिखा से लेकर ललाट तक जा रही नसों को प्रभावित करता
– नय महिला को प्रसव की पीड़ा को कम करने में सहायक है। है।
– झुमके महिला को स्त्री जनित रोगो से बचाव करते
– सिंदूर कर रंग महिला को शक्ति प्रदान करता है।
– बिछुये महिला को मासिक नियंत्रित करते हैं।
– अंगूठी महिला के मस्तिष्क को मजबूती देती है।
– कंगन महिला के रक्त संचार को नियंत्रित करते हैं ।
– कमरबंद, अतिरिक्त मांस से इकट्टा नहीं होने देती।
– मंगलसूत्र महिला को बुरी नजर से बचाव करता है।
– पायल महिला के शरीर की उर्जा को संतुलित करती है। बिंदिया आज्ञाचक्र को प्रभावित करती है। स्मरणशक्ति में बढ़ोतरी होती है।

शाम 6 बजे पूजन का शुभ मुहूर्त

रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा करना शुभ फलदायी माना गया है। वैदिक पंचाग के अनुसार, करवा चौथ के दिन शाम में रोहिणी नक्षत्र 6 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो रहा है। इस मुहूर्त के लगने के बाद पूजन करना सही है।जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष है या चंद्रमा नीच राशि में विराजमान हैं, वो भी इस नक्षत्र में चंद्रमा की विशेष पूजा कर सकते हैं। दिन के 3 बजे के बाद कभी भी करवा बदलकर पूजन हो सकता है। शुभ और अमृत की चौघड़िया शाम 4:25 बजे से 07:27 बजे तक का समय विशेष योग वाला होगा।

दोपहर 12 बजे सुन सकती हैं कथा

करवा चौथ के व्रत में कथा सुनने का विशेष महत्व है। बिना कथा सुने यह व्रत अपूर्ण माना जाता है। करवा चौथ पूजन का समय शाम को शुभ है, लेकिन कथा दोपहर 12 बजे के बाद सुनी जा सकती है। मान्यता है कि अगर करवा चौथ की पौराणिक कथा महिलाएं नहीं सुनें, तो व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए कथा का शुभ मुहूर्त इस दिन दोपहर 12 बजकर 2 मिनट से लेकर 12 बजकर 49 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहने वाला है। इस समय कथा सुनना मंगलकारी रहेगा।

वृषभ लग्न में 8.10 पर होगा चंद्रोदय

करवाचौथ पर बन रहे संयोगों के अनुसार, चंद्रमा रात 8 बजकर 10 मिनट के बाद उदय होगा। चंद्रोदय वृषभ लग्न में होगा। कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी कृत्तिका नक्षत्र में शुरू होकर रोहिणी नक्षत्र में संपन्न होगी। इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस के सचिव आचार्य कौशल वत्स के अनुसार, आकाश के ये 27 नक्षत्र चंद्रमा की 27 पत्नियां हैं। इनमें रोहिणी उन्हें अतिप्रिय है। चंद्रदेव को रोहिणी पर अधिक प्रेम है। इसलिए रोहिणी नक्षत्र में पत्नी का पूजन, चंद्रदर्शन विशेष फलदायी होता है। मंगल भी चंद्रमा के अन्य नक्षत्र हस्त में स्थित है। इसलिए अजेय शक्ति भी साथ है। इस दिन सुहागिनें लाल वस्त्र धारण करें। सफेद या काले वस्त्र धारण न करें। रोहिणी नक्षत्र के साथ वृष उच्च राशि में चंद्रमा का योग होने के कारण करवाचौथ को अधिक मंगलकारी बना रहा है। इसे अमर सुहाग योग भी कहा जा सकता है। इस योग में भगवान गणेश, चौथ माता व चंद्रमा का पूजन अखंड सौभाग्य और समृद्धि देने वाला है।

इस तरह करें चौथ माता का पूजन

करवा चौथ व्रत के दिन सवेरे भोर में उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें। सुहागिन स्त्रियां सोलह सिंगार करके सुहाग चिन्ह पहनें। दिनभर व्रत करें। करवा चौथ की कथा सुनें। चौथ माता का पूजन करें। पूजा के मुहूर्त में चौथ माता या मां गौरी और भगवान गणेश की पूजा करें। साथ ही पूजा की थाली में थाली में दीपक, सिंदूर, अक्षत, कुमकुम, रोली और चावल की बनी मिठाई या सफेद मिठाई रखें। वहीं शाम को एक करवे में जल भरकर पहले मां गौरी और भगवान गणेश की पूजा करें।
चंद्रमा के उदय होने पर अर्घ्य दें और इस मंत्र – सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम, मम पूर्वकृतं पापं औषधीश क्षमस्व मे।’ मंत्र का जप करें। महिलाएं पति का चेहरा छलनी में दीपक रखकर देखें, पैर छूकर आशीष लें। पति के हाथों जल पीकर उपवास खोलती हैं। सास, पंडित, बुजुर्गों से आशीर्वाद लें। उसके बाद व्रत पारण करें।

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