
यूनिक समय, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सत्ता में आने के बाद अब अरविंद केजरीवाल और उनकी पूर्व AAP सरकार के लिए मुश्किलें और भी बढ़ने वाली हैं। बीजेपी ने विधानसभा में कैग (CAG) रिपोर्ट पेश करने का फैसला लिया है, जिसे आगामी सत्र में 24, 25, और 27 फरवरी को सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। इन रिपोर्टों में AAP सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए विभिन्न वित्तीय और प्रशासनिक फैसलों की जांच की जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार के आरोपों की परतें खुल सकती हैं।
नवनिर्वाचित दिल्ली विधानसभा में पहले दो दिन 24 और 25 फरवरी को विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और 26 फरवरी को शिवरात्रि की छुट्टी के बाद 27 फरवरी को बीजेपी की सरकार CAG रिपोर्ट पेश करेगी। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में AAP सरकार के 14 लंबित मामलों की जांच की गई है और बीजेपी इन रिपोर्टों का हवाला देकर केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में हुई कथित गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के आरोपों को उभारने की तैयारी में है।
इससे पहले, बीजेपी ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया था कि AAP सरकार ने CAG रिपोर्ट को दबाने का प्रयास किया था ताकि उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को छुपाया जा सके। अब, बीजेपी का उद्देश्य इन रिपोर्टों के जरिए पूर्व सरकार के काले चिट्ठे को उजागर करना है।
इस बदलाव के बाद दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है, जहां बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर AAP सरकार को घेरेगी। यह रिपोर्ट सिर्फ दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य को ही नहीं, बल्कि पूरे देश की राजनीति को भी प्रभावित कर सकती है, क्योंकि इससे जुड़े कई मंत्री और पूर्व AAP पदाधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
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