
नई दिल्ली। जिस तरह नमस्ते ट्रंप के बाद भारत में ब्वअपक-19 का प्रकोप बढ़ गया था, क्या उसी तरह नमस्ते जॉनसन के आयोजन से भारत के सामने दूसरी बार वैसा ही संकट खड़ा हो सकता है? यह सवाल और इस पर चर्चा सोशल मीडिया में हो रही है क्योंकि एक महीने बाद 26 जनवरी 2021 को भारत के गणतंत्र दिवस) के मौके पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भारत ने मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है। दूसरी तरफ, ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के बाद अचानक संक्रमण बेतहाशा बढ़ने की खबरें हैं।
पिछले दिनों ब्रिटेन में वायरस के नए घातक रूप के सामने आने की हलचलों के बाद कई देशों ने ब्रिटेन से आने-जाने वाली उड़ानें रद्द कीं, तो बीते सोमवार को भारत ने भी यह प्रतिबंध लगाया। भारत ने हालांकि यह प्रतिबंध फिलहाल 31 दिसंबर तक लगाया है, लेकिन सवाल यही है कि अगर प्रतिबंध को बढ़ाने की नौबत आई तो क्या जॉनसन भारत आा सकेंगे? और अगर आए तो क्या भारत में कोरोना संक्रमण केसों के बढ़ने की स्थितियां बनेंगी?
क्या है जॉनसन को न्योते का मतलब?
बोरिस जॉनसन को सम्माननीय अतिथि के तौर पर भारत के न्योते के पीछे भारत की परंपरा है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी राष्ट्र के गणमान्य को बुलाया जाता है। लेकिन, इस बार जॉनसन को न्योता देने के पीछे एक आपसी ट्यूनिंग भी है। जॉनसन भारत आएंगे और उसके बाद भारत के प्रधानमंत्री को ब्रिटेन की तरफ से न्योता मिलेगा।
जॉनसन कह चुके हैं कि पृथ्वी की सुरक्षा के लिए साथ मिलकर लड़ने की बात हो या रोजगार और विकास के मोर्चे पर बढ़ने की, भारत और यूनाइटेड किंगडम कंधे से कंधा मिलाकर चलने पर राजी हैं। ऐसी ही कुछ योजनाओं पर पिछले दिनों दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने चर्चा की थी। जिसके बाद जॉनसन की तरफ से भारत के न्योते को स्वीकारा गया।
क्या था नमस्ते ट्रंप आयोजन?
इसी साल फरवरी के महीने में गुजरात के अहमदाबाद में बने दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मेहमाननवाजी भारत ने की थी, जिसमें हजारों लोगों ने शिरकत की थी। गौरतलब है कि जनवरी के महीने में भारत में कोरोना का पहला केस आ चुका था और अमेरिका में भी संक्रमण फैल रहा था।
विपक्ष ने आरोप लगाया था कि नमस्ते ट्रंप आयोजन के कारण गुजरात में कोविड से कम से कम 800 मौतें हुईं. यह भी गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जनवरी में ही कोरोना को लेकर चेतावनी जारी कर दी थी, उसके बावजूद यह कार्यक्रम हुआ था. सितंबर में विदेश राज्य मंत्री की तरफ से यह भी कहा गया कि भारत पधारे ट्रंप और उनके परिजनों की कोरोना संबंधी कोई जांच नहीं हुई थी।
राज्य सभा में सरकार ने यह भी बताया था कि 24-25 फरवरी के दौरान जब यह कार्यक्रम हुआ, तब अनिवार्य कोविड-19 टेस्टिंग को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं थी. 4 मार्च से भारत के 21 हवाई अड्डों पर इस बारे में टेस्टिंग को अनिवार्य किया गया था. अब मौजूदा हालात पर नजर डालिए।।
दूसरी तरफ, एक-डेढ़ हफ्ते पहले ही ब्रिटेन में वायरस का नया स्ट्रेन फैलने की खबरें सामने आई हैं, जिसके कारण संक्रमण तेज और ज्यादा घातक हुए हैं. अभी इस बारे में भी रिसर्च चल रही है कि इस नए स्ट्रेन पर वैक्सीनों का असर किस तरह होगा. ऐसे में चर्चा यही है कि वैक्सीनेशन के जारी रहते ब्रिटेन में वायरस के नए वैरिएंट से भारत को खतरा हो सकता है, अगर जॉनसन भारत आते हैं.
हालांकि जॉनसन के यहां आने को लेकर भारत ने न तो फिलहाल कोई पुष्टि की है और न ही इस तरह की कोई बात कही है कि उनकी भारत यात्रा पर पुनर्विचार किया जा रहा है. अभी स्थिति पर नजर रखी जा रही है और समय आने पर ही इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा।
Leave a Reply