राजस्थान में दो साल बाद सबसे बड़े मेले का आयोजन, रात से लाइनों में लगे हजारों श्रद्धालु

राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में आज से सबसे बड़े मेले का आयोजन शुरू हो चुका है। यहां श्री कृष्ण के कलयुग अवतार कहे जाने वाले बाबा रामदेव का 638 वा मेला शुरू हो चुका है। मेले की शुरुआत आज समाधि के मस्तक पर सोने के मुकुट पहनाने के बाद हुई। कोरोना के चलते 2 साल बाद आयोजित होने वाले इस मेले में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही कलेक्टर एसपी भी लगातार मेला स्थल का जायजा लेने में लगे हुए हैं।

मेले की शुरुआत के पहले दिन ही आज यहां लाखों की संख्या में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। ऐसे में गोमट से रामदेवरा फाटा तक करीब 10 किलोमीटर के रास्ते में श्रद्धालुओं की भीड़ ही नजर आ रही है। इसके साथ ही जगह-जगह भंडारे भी लगाए गए हैं। जहां सेवादार श्रद्धालुओं को चाय पानी और नाश्ता करवा रहे हैं। इसके अलावा श्रद्धालुओं के रेस्ट के लिए भी इन भंडारों में व्यवस्था की गई है।

मंगला आरती के अवसर पर पुजारी पं. कमल किशोर छंगाणी ने अतिथियों से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा रामदेव जी की समाधि के दूध, दही, शहद, इत्र एवं पंचामृत से अभिषेक करवाया। बाबा को मेवा मिष्ठान एवं मिश्री का भोग लगाया गया। बाबा की समाधि पर नई चादर चढ़ाई गयी एवं बाबा की भोग आरती की गई।

अतिथियों ने बाबा की समाधि पर इत्र एवं प्रसाद चढ़ाया एवं समाधि पर चंवर ढुलाया तथा बाबा के अखण्ड जोत के दर्शन किए। अतिथियों को बाबा का प्रसाद दिया गया व पवित्र झारी का जल आचमन करवाया। मंगला आरती के अवसर पर मंदिर के प्रवेश द्वार के खुलने के साथ ही बाबा रामदेव के भक्तों ने बाबा के जयकारे लगाते हुए बड़े उत्साह के साथ मंदिर में प्रवेश किया। भक्तों के दर्शनों का सिलसिला लगातार जारी है। अंदाज के मुताबिक यहां आज करीब तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करेंगे।

 

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