वफादार मुर्गे ने लड़कर गंवाई जान, मालिक ने तेरहवीं में 500 लोगों को कराया भोजन

प्रतापगढ़। जनपद में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां मुर्गे की मौत के बाद उसके मालिक ने उसे अपने ही खेत में दफन करवाया। इसके बाद मुर्गे की मौत के बाद तेरहवीं कार्यक्रम में भोज का आयोजन भी करवाया। तेरहवीं में तकरीबन 500 ग्रामीणों को भोजन भी करवाया गया। मुर्गे की मौत कुत्ते से लड़ाई के दौरान हो गई थी। उसने बकरी के बच्चे को बचाने के लिए अपनी जान गंवाई थी।

पूरा मामला प्रतापगढ़ के फतनपुर थाना इलाके के बेहदौल कला गांव से सामने आया। यहां रहने वाले शालिग्राम सरोज ने बीते कुछ सालों से अपने घर में मुर्गा पाल रखा था। मुर्गे की मौत जुलाई 2022 में हो गई। मुर्गे के इस तरह से निधन के बाद मालिक को खासा दुख हुआ और उसने मृत मुर्गे का शव गांव में अपने ही खेत में दफन करवाया। इसके बाद अन्य कार्यक्रम भी करवाए।

इस मुर्गे के नाम लाली था। लाली के निधन के बाद विधिवत 13 दिन बाद तेरहवीं का कार्यक्रम किया गया। 19 जुलाई को हुई तेरहवीं में भोज कार्यक्रम का आयोजन भी करवाया गया। कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर भोजन किया। पालतू मुर्गे की मौत के बाद यह आयोजन चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी के साथ लोग मालिक की सराहना करते हुए भी नजर आए। आसपास के क्षेत्रों में भी यह आयोजन चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें कि मुर्गे के मालिक डॉ सालिक राम सरोज ने एक बकरी और मुर्गे को पाल रखा था। तकरीबन पांच साल पहले सालिक राम अपने दोस्त के साथ उसे यहां लाए थे। सालिकराम मुर्गे और बकरी दोनों को बराबर ही मानते थे। मुर्गे की मौत उस दौरान हुई जब सालिकराम डिस्पेंसरी गए हुए थे। इसी बीच बकरी का बच्चा घर पर बंधा था और उस पर बाहरी कुत्ते ने हमला कर दिया। इसके बाद लाली उसे बचाने के लिए कूद पड़ा और लड़ाई में उसकी जान चली गई।

 

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