दूधिया रोशनी से सराबोर वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर में महाभिषेक

वृन्दावन। भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर में श्रीकृष्ण की आह्लादिनी शक्ति एवं ब्रज की अधिष्ठात्री देवी श्रीराधा रानी का प्राकट्योत्सव भक्ति भाव के साथ मनाया गया। इस दौरान मंदिर को भक्तों द्वारा पुष्पों एवं रंगोली का प्रयोग कर बड़े ही मनोहर ढंग से सजाया गया। राधाष्टमी महामहोत्सव का शुभारंभ मंगला आरती की शंख ध्वनि के साथ हुआ। इसके पश्चात भगवान श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र की धूप आरती, नवीन पोषाक धारण, फूल बंगला, झूलन उत्सव, छप्पन भोग एवं अखण्ड हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया।

कृष्ण भक्तों के लिए राधाष्टमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद, दूसरा बड़ा त्यौहार है। इस मौके पर चंद्रोदय मंदिर में श्रीमती राधा रानी को एवं ठाकुर श्रीश्री वृन्दावन चंद्र को गुलाबी, नारंगी एवं हरित रंग के रेशम युक्त रजत से कढ़ाई किए हुए वस्त्र धारण कराए गए। वहीं निताई गौरांग को भी नवीन वस्त्र एवं विशेष रूप से तैयार की गई पुष्पों की मालाओं से सजाया गया।

आज के इस पावन पर्व पर चंद्रोदय मंदिर में संध्या बेला में ठाकुर श्रीश्री राधा वृन्दावन चंद्र के पालकी  उत्सव का आयोजन किया गया। इसके पश्चात निमार्णाधीन चंद्रोदय मंदिर के उत्सव हॉल में श्रीमती राधा रानी एवं ठाकुर श्री वृन्दावन चंद्र का महाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण, पंचामृत (दूध, दही, घी, गोबर एवं गौमूत्र) शहद, बूरा, विभिन्न प्रकार के फलों के रस, विभिन्न जड़ी बूटियों एवं फूलों से महाभिषेक को सम्पन्न किया गया। हरिनाम संकीर्तन में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं ने बढ़.चढ़ कर हिस्सा लिया।

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