महाराष्ट्र: शिवसेना-NCP और कांग्रेस नेता राज्यपाल से मिलेंगे कल, शरद पवार बोले-5 साल चलेगी सरकार

21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा था, जिसमें बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. वहीं, शिवसेना ने राज्य की 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. अब सरकार के गठन को लेकर बैठकों का दौर जारी है.

मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कवायद तेज़ हो गई है. इस बीच खबर है कि शिवसेना, NCP और कांग्रेस के नेता शनिवार को राज्यपाल बीएस कोश्यारी से मुलाकात करेंगे. राज्यपाल से मुलाकात के दौरान तीनों पार्टियों के नेता सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे या नहीं, इसपर कुछ साफ तौर पर नहीं कहा गया है. NCP नेता नवाब मलिक के मुताबिक, राज्यपाल से किसानों की समस्या को लेकर बातचीत की जाएगी. सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया जाएगा.

हालांकि, माना जा रहा है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) पर सहमति बन गई है. तीनों दलों में 14+14+12 फॉर्मूले के तहत विभागों के बंटवारे पर सहमति भी बन गई है. सूत्रों का कहना है कि फॉर्मूला तय होने के बाद संभव है कि शनिवार को राज्यपाल से मुलाकात के दौरान शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश करे.

इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो भी सरकार बनेगी वह पांच साल तक चलेगी. वहीं,जब शरद पवार से सीएम के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा है कि अगर कोई मुख्यमंत्री पद के लिए दावा करता है, तो उस पर विचार किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में 5 साल नहीं, बल्कि 25 साल के लिए शिवसेना की सरकार होनी चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार गठन के फॉर्मूले के तहत शिवसेना के हिस्से में 16, एनसीपी के पास 14 और कांग्रेस को 12 कैबिनेट की पोजिशन मिल सकती है. तीनों दलों के बीच जो समझौता हुआ है, उसके मुताबिक महाराष्ट्र में पांच साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री रहेगा. वहीं, कांग्रेस और एनसीपी के खाते में एक-एक उपमुख्यमंत्री का पद आएगा.

21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा था, जिसमें बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. वहीं, शिवसेना ने राज्य की 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर पैदा हुए गतिरोध के चलते दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे से किनारा कर लिया था. बीजेपी ने घोषणा कर दी कि वह राज्य में अकेले सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में गवर्नर ने राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया. लेकिन, शिवसेना एनसीपी के साथ दिए गए समय में समर्थन पेश नहीं कर सकी, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया.

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