महाराष्ट्र की गरमाएगी सियासत: शिवसेना पर देवेंद्र फडणवीस ने किया ऐसा हमला, सुबह शेर, शाम को बन जाती है बिल्ली

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की शिवसेना सरकार पर जोरदार हमला बोल दिया है. पालघर जिला परिषद चुनाव को लेकर प्रचार अभियान में उन्होंने सीधे कांग्रेस पर निशाना साधा है. अब इसको लेकर राजनीति गरमा गई है…

महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी व शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद अब बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पालघर जिला परिषद चुनाव के प्रचार के दौरान ऐसा बयान दिया है, जो शिवसेना को कतई रास नहीं आएगा। साथ ही, उन्होंने सीधे कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधा है। इससे प्रदेश की राजनीति में गर्माहट आनी तय है। दरअसल, महाराष्ट्र में इन दिनों शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस गठबंधन की सरकार में आपसी खींचतान मची हुई है। उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों की नाराजगी सामने आ रही है।

शिवसेना के भीतर से भी बगावती सुर सामने आने लगे हैं। कई बड़े नेताओं को मंत्रिमंडल में स्थान न दिए जाने को लेकर विवाद गहराया हुआ है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। फडणवीस ने तंज कसते हुए कहा है कि महाराष्ट्र की सत्ता ‘मातोश्री’ से नहीं ‘दिल्ली के मातोश्री’ से कंट्रोल होगी। उनका निशाना सोनिया गांधी पर था। सीएम उद्धव ठाकरे के बयान पर भी उन्होंने पलटवार किया। उद्धव ने कहा था कि हमने बालासाहेब ठाकरे को वचन दिया था कि एक दिन प्रदेश की कमान एक शिवसैनिक संभालेगा। फडणवीस ने कहा कि स्वर्ग में बाला साहब रो रहे होंगे, जब वह देखेंगे कि शिवसेना ने कांग्रेस व एनसीपी के साथ गठबंधन कर चुनाव के बाद सरकार बना ली।

देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर अपनी नीति से भी समझौता करने का आरोप लगाया। वह लोगों को भरोसा दिलाने में जुटे हैं कि हिंदुत्व का एजेंडा अब शिवसेना पीछे छोड़ चुकी है। हिंदुत्व का झंडा बरदार अब केवल भारतीय जनता पार्टी है। फडणवीस ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिवसेना ने उन लोगों के साथ समझौता कर लिया, जिन्होंने विनायक दामोदर सावरकर की हिंदुत्व विचारधारा को अपशब्द कहे। मैं आश्चर्यचकित हूं कि अंतर्विरोध के बीच यह सरकार कितने दिन चलेगी। शिवसेना ने न केवल जनादेश का अपमान किया है, बल्कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का अपमान किया है। वह हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़े। जनता ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया, लेकिन उसका उन्होंने अपमान किया।

फडणवीस का जोरदार प्रहार- शिवसेना सुबह शेर, शाम को बन जाती है बिल्ली

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पूर्व सहयोगी शिवसेना पर निशाना साधा है. पालघर में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि शिवसेना की बेईमानी के कारण आज हम विपक्ष में बैठे हैं. नागरिकता संशोधन कानून और NRC को लेकर शिवसेना की दोहरी भूमिका रही है. लोकसभा में उसका रूख अलग और राज्यसभा में अलग था. वह पहले अपनी भूमिका स्पष्ट करे.

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना सुबह शेर है, रात में ढेर है. वह सुबह शेर है, शाम को बिल्ली है. शिवसेना का आदेश अब मातोश्री से नहीं निकलता. उसे अब दिल्ली के मातोश्री का आदेश मानना पड़ता है. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आदेश पर शिवसेना ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया.

नागरिकों ने बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन दुर्भाग्य से शिवसेना द्वारा विश्वासघात के कारण, जिसने एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया, बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई. शिवसेना पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब से (एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई है) तीनों दल मंत्रियों के नाम तय नहीं कर पा रहे थे.

एनसीपी का पलटवार

उधर एनसीपी ने देवेंद्र फडणवीस पर पलटवार किया है. एनसीपी नेता और राज्य सरकार में मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के पास अब कोई काम नहीं बचा है. उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार जल्द गिर जाएगी, लेकिन मैं कहता हूं कि हमारी सरकार कार्यकाल पूरा करेगी.

कैबिनेट विस्तार कांग्रेस में असंतोष

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मंत्रियों के चयन के बाद भी, शिवसेना के नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ा है. वहीं कांग्रेस ने मंत्रिमंडल गठित होने के बाद अपने ही दफ्तरों में तोड़फोड़ की.

गौरतलब है इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पुणे कांग्रेस भवन में जमकर तोड़फोड़ की थी. इस घटना का लाइव वीडियो वायरल हो गया था. दरअसल महाराष्ट्र में तीन दलों के गठबंधन सरकार का सोमवार को कैबिनेट विस्तार हुआ था.

पुणे जिले के भोर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीते कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे के समर्थकों ने पुणे शहर कांग्रेस भवन में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की. थोपटे के समर्थक अपने नेता को मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज थे.

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