मथुरा में आठ दिन तक मनेगी जन्माष्टमी

भव्य होंगे कार्यक्रम, सजेगें मंदिर, जुटेंगे देशभर से कलाकार

कल संस्कृति मंत्री करेंगे तैयारियों को लेकर ब्रज तीर्थ विकास परिषद के साथ बैठक
मथुरा। प्रदेश की योगी सरकार भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में पहली बार भव्य और दिव्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन करने जा रही है। यह आयोजन 17 से 24 अगस्त तक पूरे आठ दिन मथुरा और आसपास के मंदिरों, कुंडों और धर्मस्थानों में होगा। इसके लिए बड़े स्तर पर सांस्कृतिक व धार्मिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। प्रदेश के संस्कृति मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण रविवार को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के आयोजन की रूपरेखा तैयार कराएंगे। मुख्यमंत्री ने पहली बार मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को पूरी भव्यता व दिव्यता के साथ मनाने के निर्देश दिए हैं। इस आयोजन से आम जनमानस को जोड़ने के लिए सरकार विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगी।
संस्कृति मंत्री रविवार को ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र व प्रमुख सचिव संस्कृति व पर्यटन जितेंद्र कुमार के साथ आयोजन की रूपरेखा तैयार कराएंगे। इसमें एक मुख्य स्थल और कई अन्य स्थलों का चयन किया जाएगा। मुख्य स्थल पर मुख्य आयोजन व अन्य स्थलों पर अलग-अलग सांस्कृतिक आयोजन किए जाएंगे।
फिल्म शो और लेजर शो का आयोजन होगा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को अंतरराष्ट्रीय फलक पर प्रतिष्टित करने के लिए श्रीकृष्ण पर आधारित फिल्म शो और लेजर शो का आयोजन होगा। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी स्वयं नृत्यांगना हैं। वो नृत्य प्रस्तुति भी दे सकती हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर असम, मणिपुर और गुजरात में भव्य तरीके से प्रस्तुत किए जाने वाले रास आकर्षण का केंद्र होंगे।
मथुरा से निकला रास असम में सत्रिय और मणिपुर में मणिपुरी रास के रूप में अत्यंत भव्य तरीके से पेश किया जाता है। गुजरात में 15 तरह की रास शैलियां प्रसिद्ध हैं। लीला पर्व के रूप में रास की सभी प्रमुख शैलियों को आमंत्रित किया जाएगा। श्रीराम भारती कला केंद्र की कृष्णलीला व श्रीकृष्ण पर आधारित इंडोनेशिया, मलेशिया आदि के बैले नृत्य पेश किए जाएंगे।  आठ दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में लगभग 1000 लोक कलाकार भव्य शोभा यात्राएं निकालेंगे। श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित झांकियों का प्रदर्शन होगा। मथुरा के कलाकारों की इन झांकियों को निर्णायक मंडल की राय पर पुरस्कृत किया जाएगा।
स्कूलों में होंगी प्रतियोगिताएं
मथुरा के मंदिरों को सजाने-संवारने की प्रतियोगिता होगी। राधा-कृष्ण स्वरूप प्रतियोगा का आयोजन कर नई पीढ़ी को आयोजन से जोड़े की योजना है। ब्रज की प्रसिद्ध सांझी कला के सभी प्रारूपों की प्रतियोगिता होगी। स्कूलों में श्रीकृष्ण व राधा को केंद्र में रखकर पोट्रेट निर्माण व ललित कला की अन्य विधाओं की प्रतियोगिता होगी।  मथुरा की प्रसिद्ध रासलीला, मयूर नृत्य व फूलों की होली का आयोजन भी होगा। मथुरा, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान के नजदीक है, वहां के बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। सरकार इन राज्यों के लोक कलाकारों को भी आमंत्रित करेगी।

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