प्रयागराज। श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। कोर्ट के वकील महक माहेश्वरी की ओर से दाखिल की गई याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच करेगी। याचिका में शाही ईदगाह मस्जिद को हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई है, ताकि उस जगह पर भी फिर से मन्दिर का निर्माण किया जा सके। इतना ही नहीं याचिका के निपटारे तक जन्माष्टमी या सप्ताह के कुछ दिन ईदगाह मस्जिद के अंदर हिंदुओं को पूजा-अर्चना की इजाज़त की भी मांग की गई है।
इसके अलावा याचिका में अदालत की निगरानी में विवादित जगह की खुदाई करने की मांग भी गई है। याचिका में कहा गया है कि खुदाई की जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाए। याचिकाकर्ता का दावा है कि जिस जगह पर अभी ईदगाह मस्जिद है, वही वह कारगार है जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। खुदाई के बाद यह बात साबित हो जाएगी।
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को भी चुनौती
इस याचिका में देश में मौजूद धार्मिक स्थलों का स्वरूप 15 अगस्त 1947 के समय जैसा ही बनाए रखने का प्रावधान वाले क़ानून ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को भी चुनौती दी गई है। 1991 का ये कानून एक तरह से काशी-मथुरा में हिंदुओं को मालिकाना हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने से रोकता है।
याचिकाकर्ता ने कही ये बात
याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के वकील महक माहेश्वरी ने बताया कि उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट से ये प्रार्थना की है कि ये उनका मौलिक अधिकार है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर में जहां पर अभी शाही ईदगाह मस्जिद है, उस जगह पहले श्रीकृष्ण भगवान का मंदिर हुआ करता थां मुझे उस जगह पर प्रार्थना करने की इजाजत दी जाए जो कि मेरा मौलिक अधिकार है। उन्होंने आगे कहा कि ऑर्टिकल 25 और ऑर्टिकल 26 उसको कवर करता है। सरकार कोर्ट के माध्यम से मेरा ये अधिकार सुरक्षित करे।
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