मथुरा: इस बार जैसा पेयजल संकट पिछले कई सालों में पहली बार देखा जा रहा है। नगर निगम और उसका जलकल विभाग कागजी घोड़े दौड़ा रहा है और मेयर समेत भाजपाई बोर्ड असहाय बना हुआ है। तमाम वार्डों में एक-एक माह से नलकूप खराब पड़े हैं। नगर निगम क्षेत्र में 150 नलकूप और करीब 500 सबमर्सिबल लगे हुए हैं। भीषण गरमी के कारण अधिकांश नलकूपों का जलस्तर नीचे चला गया है। तमाम की मोटर फुंक गई हैं। माधवपुरी का नलकूप सोमवार को खराब हो गया। द्वारिकापुरी वार्ड में चार नलकूप एक माह से खराब हैं। गली गुजराना का नलकूप एक माह से खराब है। इसी तरह अस्सी फीसद नलकूप या तो खराब हैं या कम प्रेशर से पानी दे रहे हैं।
शायद ही कोई वार्ड हो, जिसमें पेयजल संकट न हो, लेकिन जलकल अफसर मानने को तैयार नहीं हैं। प्रदर्शन भी होने लगे हैं। बीते दिन द्वारिकापुरी वार्ड के पार्षद तिलकवीर चौधरी के यहां क्षेत्रवासियों ने घेराव किया तो सोमवार को गली गुजराना का नलकूप ठीक न होने पर पार्षद रीतेश पाठक के साथ लोगों ने महापौर और भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र ने पिछले महीने टीटीएसपी समेत सभी पेयजल योजनाएं दुरुस्त करने और हैंडपंप सही करने के निर्देश दिए थे। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा पहले ही इस तरह के आदेश कर चुके हैं, लेकिन अफसरों पर जूं नहीं रेंग रही। वार्ड 35 की पार्षद कुसुम लता ने बताया कि माधवपुरी का नलकूप सोमवार को पानी छोड़ गया। शिकायत करने पर कहा गया कि रिबो¨रग में समय लगेगा।
दूसरी तरफ जलकल महाप्रबंधक मंजू रानी गुप्ता का कहना है कि यमुना किनारे को छोड़कर अधिकांश नलकूपों का जलस्तर नीचे गया है, लेकिन उन्हें समय रहते फिर से चालू कराया गया है। मरम्मत के सामान की कमी नहीं है। सभी शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है
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