
यूनिक समय, मथुरा। ब्रज में होली की धूम मची हुई है, और हर कोई रंगों की मस्ती में डूबा हुआ है। आज, मंगलवार को गोकुल में भगवान बाल कृष्ण कन्हैया के साथ होली खेली गई, जो एक खास अवसर था। गोकुल की होली की विशेषता यह है कि यहां छड़ी से होली खेलने की परंपरा है, और लोग छोटी-छोटी छड़ियों से एक-दूसरे को रंगते हैं, जबकि चांदी की छोटी पिचकारी का भी इस्तेमाल किया जाता है।
गोकुल में भगवान कृष्ण कन्हैया के बाल स्वरूप को ध्यान में रखते हुए हुरियारिनों ने उनके साथ जमकर होली खेली। सबसे पहले गोकुल की हुरियारिनों ने नंद भवन पहुंचकर भगवान कृष्ण के विग्रह को डोले (पालकी) में विराजमान किया और फिर गोकुल की गलियों से होते हुए यमुना किनारे मुरलीधर घाट पहुंचे। इस दौरान, कृष्ण के भक्त होली के रंग में रंगे हुए गाते और झूमते नजर आए।
मुरलीधर घाट पर पहुंचने के बाद, भगवान कृष्ण के भक्तों ने टेसू के फूलों से बनी गुलाल से होली खेली। मुरलीधर घाट पर बगीचे में भगवान को बिठाकर, मंदिर के गोस्वामियों ने गुलाल लगाया और छोटी पिचकारियों से रंग खेलते हुए पूरी महफिल को कृष्णमयी बना दिया। यहां की होली ने देखने वालों को रंगों और प्रेम की मस्ती में डूबो दिया।
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