जालंधर , कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के कारण जालंधर रेड जोन घोषित हो चुका है। इसके बावजूद राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन बड़ी चूक बरत रहा है। कोरोना वायरस के अभी तक 78 मरीजों के साथ टॉप पर होने के बावजूद मेडिकल हब जाने जाते इस शहर में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा नहीं है। यह हालात तब हैं जब जालंधर पंजाब में सबसे ज्यादा सैंपल टेस्ट करा रहा है। जालंधर में सोमवार तक जालंधर से 2674 सैंपल जांच के लिए भेजे थे।
22 जिलों के कुल 15,516 सैंपलों में जालंधर का 17 फीसद हिस्सा है, जोकि बाकी जिलों से सबसे ज्यादा है। इससे शहर में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि बाहर से टेस्ट कराने में प्रशासन को रिपोर्ट के लिए दो से तीन दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। चूंकि कोरोना पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आए लोगों को सेहत विभाग सैंपल लेने के बाद घर भेज रहा है, ऐसे में खतरा और बढऩा तय है। प्रशासन का तर्क है कि अगर संदिग्ध मरीजों को भी रिपोर्ट के इंतजार में तीन से चार दिन वो अस्पताल रखेंगे तो उनके लिए व्यवस्था बनाना मुश्किल हो जाएगा। अगर रिपोर्ट जल्दी आए तो इस बारे में विचार हो सकता है। शहर में पिम्स जैसा मेडिकल कॉलेज व 350 से ज्यादा निजी अस्पताल हैं, इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई कोशिश न होना कई सवाल खड़े कर रहा है।
हफ्ते में तीन बार बदली लैब
जिले में कोरोना के 78 मरीज आ चुके हैं। जिनमें तीन की मौत भी हो चुकी है। एक मरीज के संक्रमण से उनके रिश्तेदारों व करीबियों में कोरोना फैल चुका है। इसके बावजूद राज्य सरकार के हालात देखिए कि एक हफ्ते में सैंपल टेस्ट करने की जगह तीसरी बार बदल दी गई है। पहले सैंपलों की जांच सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर हो रही थी। फिर उन्हें फरीदकोट भेजने को कहा गया और अब पटियाला भेजने को कह रहे हैं।
सांसद, विधायक बोले, सरकार के समक्ष उठाएंगे मामला
लगातार बढ़ते कोरोना वायरस केसों के बावजूद शहर में लैब ना होने के मुद्दे पर सांसद चौधरी संतोख सिंह व विधायक सुशील रिंकू ने भरोसा दिया कि वो इस मुद्दे को पंजाब सरकार के समक्ष उठाएंगे। टेस्ट की प्रक्रिया तेज कर जल्द रिजल्ट के लिए जालंधर या फिर आसपास के किसी जिले में टेस्टिंग लैब स्थापित करने की मांग करेंगे। उन्होंने माना कि टेस्टिंग का काम सही चल रहा है लेकिन रिजल्ट में देरी से परेशानी हो रही है।
हालात : छह मरीजों के संक्रमण से 60 कोरोना ग्रस्त
असल में लैब व जल्द रिपोर्ट की जरूरत इसलिए है क्योंकि शहर में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हालात यह हैं कि छह मरीजों के संक्रमण से 60 नए लोग कोरोना ग्रस्त हो गए। सेहत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना पॉजीटिव आए मरीज बलदेव सिंह, दीपक शर्मा, कविता महाजन, कुलजीत कौर, जसबीर सिंह व स्वर्ण लता के संपर्क में आने से यह मरीज पॉजीटिव आए। प्रशासन को 100 फीसद संपर्क ट्रेस करने के लिए 700 लोगों के टेस्ट करने पड़े। डीसी वरिंदर शर्मा का कहना है कि अगर हम तुरंत टेस्ट नहीं करते तो बाकी पॉजीटिव और आगे संक्रमण फैला देंगे क्योंकि संपर्क वाले अधिकांश मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं थे।
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