
यूनिक समय, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज, सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब पांच साल बाद हुई और इसमें उन्होंने कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर अहम प्रस्ताव रखा।
महबूबा मुफ्ती ने एलजी को एक पत्र सौंपा, जिसकी प्रतियां उन्होंने मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी भेजी हैं। पत्र में उन्होंने मांग की कि 74 हजार से अधिक विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवारों में से जो लोग घाटी लौटना चाहते हैं, उन्हें सरकार की ओर से सहयोग मिलना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि जो कश्मीरी पंडित लौटने को तैयार हैं, उन्हें उनके मूल जिलों में आधा कनाल जमीन दी जाए। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडितों के लिए नामित की गई दो सीटों की बजाय आरक्षित सीट का प्रावधान हो, ताकि उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी मिल सके।
महबूबा ने कहा कि पंडितों की घर वापसी को वह अपनी पार्टी के राजनीतिक एजेंडे में शामिल करेंगी और सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में प्रयास करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रस्ताव को तैयार करने से पहले उन्होंने कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों से बात कर उनके सुझाव भी शामिल किए हैं।
उन्होंने उमर अब्दुल्ला पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब अनुच्छेद 370 पर विधानसभा में प्रस्ताव की जरूरत थी, तब वे ट्यूलिप गार्डन में घूम रहे थे। महबूबा ने यह भी मांग की कि अमरनाथ यात्रा के दौरान स्थानीय नागरिकों को भी शामिल किया जाए।
पीडीपी प्रमुख ने जोर देकर कहा कि वह कश्मीरी पंडितों को फिर से कश्मीरी समाज का हिस्सा बनते देखना चाहती हैं और इस दिशा में उनकी पार्टी पूरी सक्रियता से काम करेगी।
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