मिशन मंगल: इसरो ने परमिशन नहीं दी तो फिल्मसिटी में 8 करोड़ में रच डाला स्पेस स्टेशन का सेट

बॉलीवुड। 15 अगस्त को रीलीज होने वाली मिशन मंगल फिल्म के बनने की कहानी भी किसी मिशन की तरह ही लग रही है। अब इसके बारे में रोचक जानकारी यह सामने आई है कि जब फिल्म को इसरो के अंदर शूट करने की परमिशन नहीं मिली तो इसरो का इंटीरियर, सैटेलाइट व रॉकेट जैसी चीजें मुंबई की फिल्मसिटी में ही रीक्रिएट की गईं। इस काम पर तकरीबन 8 करोड़ का खर्च आया। इसे तैयार करने वाले वेटरन संदीप शरद रवाडे ने ही हमें इस पूरे प्रोसेस के बारे में बताया।

सेट डिजाइनर संदीप शरद रवाडे ने बताया- ‘सिक्योरिटी रीजन के चलते इसरो के असली परिसर में हमें शूटिंग की इजाजत नहीं मिली थी। ऐसे में हमने फिल्मसिटी के अलग-अलग स्टूडियोज में उनके अलग-अलग ऑफिस के सेट क्रिएट किए।’

Mission manga team Space station set at Film city for eight crores

पीएसएलवी रॉकेट
सैटेलाइट इसी से भेजते दिखाया गया है। रियल एस्ट्रोनॉमिकल रॉकेट की तरह से इसकी नोज और टेल क्रिएट की गई। देखिए यह रॉकेट कैसे बना।

10 फीट ऊंचा यह ऊपरी हिस्सा
17 फिट ऊंचाई है नोज में बने इस केबिन की, जिसमें पांच फीट ऊंचा सैटेलाइट रखा गया था
27 फिट रॉकेज नोज की कुल ऊंचाई
145 फिट इस रॉकेट की टोटल हाईट
18 फिट टेल की कुल हाईट
सैटेलाइट

Mission manga team Space station set at Film city for eight crores
यह सैटेलाइट टेल के भीतर ही था। इसे सेट मेकिंग टीम ने ही डिजाइन किया। इसकी हाइट एक बड़ी कार के जितने थी।
इसमें जिप्सम बोर्ड, वॉल्वोरिन क्लॉथ, सोलर पैनल आदि भी यूज किए गए, जो असल सैटेलाइट में यूज होने वाले मटेरियल होते हैं। सबसे ज्यादा टाइम सैटेलाइट के पार्ट्स आदि बनाने में लगा। वह सब करने में दो से ढाई महीने लगे।
असल रॉकेट जितने बड़े रॉकेट को बनाना मुमकिन नहीं था तो बीच का हिस्सा वीएफएक्स से गढ़ा गया। और इस एक्टेंशन को सीजीआई के जरिए नोज व टेल से जुड़ा दिखाया गया है।
इसरो, वर्क स्टेशन, लाउंज, लॉबी, कंट्रोल रूम, किरदारों के घर से लेकर इन सब को बनाने में आठ करोड़ रुपए खर्च हुए। सेट डिजाइनर्स कहीं भी ऑथेंसिटी से कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहते थे, इसलिए वे इसे इतने बड़े स्केल पर गए।
मेन वर्क स्टेशन
पूरे एरिया का थ्रीडी मॉडल बनाकर इसे विजुअलाइज किया गया। फिर मेन वर्कस्टेशन के रेशियो के हिसाब से तुलनात्मक कम जगह में उसे तैयार किया गया। यह भी रियल चीजों और सीजीआई के मिश्रण से ही बनाया गया।

क्या- क्या किया रीक्रिएट
मिनिएचर मॉडल्स
पोलर सैटेलाइट
लॉन्च व्हीकल
पेलोड
मेन वर्क स्टेशन
कंट्रोल रूम

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*