
नई दिल्ली। मोदी सरकार के सख्त फैसलों का दौर शुरू हो गया है। सरकार ने एक्साइज और कस्टम डिपार्टमेंट के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को समय से पहले रिटायर कर दिया है। पिछले हफ्ते आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अफसरों को वित्त मंत्रालय ने जबरन रिटायर कर दिया था. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 के तहत वित्त मंत्रालय ने इन अफसरों को समय से पहले ही रिटायरमेंट दे दिया है।
माना जा रहा है कि ऐसा करने के पीछे सरकार की मंशा आलसी और न के बराबर काम करने वाले अधिकारियों को सेवामुक्त करना है। रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने खराब परफॉर्मेंस वाले अधिकारियों की लिस्ट भी बनाई है. वहीं, अनिवार्य रिटायरमेंट दिए जाने से सरकार की इस प्रक्रिया के जरिये रोजगार में भी इजाफा होगा, क्योंकि सरकारी पद खाली होंगे तो उस पर भर्ती के लिए सरकार के जरिये रिक्तियां भी निकाली जाने की संभावनाएं हैं.
नियम 56 के तहत हुआ फैसला- वित्त मंत्रालय रूल 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किया जा सकता है जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं.
सरकार के जरिये ऐसे अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिया जा सकता है. ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-परफॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है.
सरकार के जरिये अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिए जाने का नियम काफी पहले से प्रभावी है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आने वाले वक्त में मोदी सरकार रूल 56 का इस्तेमाल करके कई अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दे सकती है.
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