मोदी का नया प्लान: अब ज्यादा से ज्यादा लोग करना चाहेंगे खेती

नई दिल्ली। मोदी सरकार किसानों को फायदा पहुंचाने की हर संभव कोशिश कर रही है। इसी लिस्ट में फसल बीमा का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार जल्द ही डाकघरों में भी फसल बीमा लेने की सुविधा मुहिया कराने का प्लान कर रही है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने योजना को 100 दिनों के भीतर शुरू करने का लक्ष्य रखा है. मंत्रालय का मानना है कि डाकघरों में यह सुविधा उपलब्ध होने से लाभ लेने वाले किसानों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. कृषि मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस योजना का खाका वर्ष 2017 में ही खींचा गया था, लेकिन तकनीकी अड़चनों की वजह से इसे लागू नहीं किया जा सका. नए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तय किया है कि जल्द ही फसल बीमा डाकघरों के जरिये मिलेगा।

क्यों शुरू की गई थी फसल बीमा योजना?
बता दें कि प्राकृतिक आपदा या अनहोनी की स्थिति में खराब हुई फसल के नुकसान से किसानों को बचाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) शुरू की थी. अभी बैंक, सीएससी और ऑनलाइन जैसे माध्यमों से यह बीमा किसानों को दिया जा रहा है, लेकिन इसकी पहुंच चौथाई किसानों तक ही हो सकी है.

अभी ऑनलाइन पोर्टल के जरिये फसल बीमा पॉलिसी बैंक शाखाओं, बीमा कंपनी के कार्यालय, सहकारी बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) बेच रहे हैं. बैंक आमतौर पर फसली बीमा की पॉलिसी उन्हीं किसानों की बेचते हैं, जिन्होंने उनके यहां से फसली ऋण लिया है. ऐसे में अधिकतर किसान वंचित रह जाते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि बीमा कंपनी के कार्यालय बेहद सीमित हैं, जबकि सीएससी के अधिकतर कार्यालय शहरी या अर्द्धशहरी इलाकों में हैं. ऑनलाइन पोर्टल तक भी किसानों की पहुंच नहीं है. लिहाजा उनके लिए डाकघर बेहतर साधन होगा, क्योंकि देश के करीब 1.5 लाख डाकघर में से 93 फीसदी यानी 1.40 लाख ग्रामीण इलाकों में हैं।

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अभी ये नियम है कि कहीं से फसली ऋण लेने वालों को अनिवार्य रूप से बीमा कराना पड़ता है. आमतौर पर ऋण देने वाले बैंक या सहकारी बैंक ही उसका बीमा कर देते हैं, लेकिन जो किसान बैंक से लोन लिए बिना खेती करते हैं, उन्हें फसली बीमा पाने के लिए काफी जहमत उठानी पड़ती है। कृषि मंत्रालय का कहना है कि अभी लोन नहीं लेने वाले किसानों में महज 20 फीसदी ही बीमा करा पाते हैं। हमारा लक्ष्य इस संख्या को 50 फीसदी पहुंचाना है।

अलग-अलग फसलों का अलग प्रीमियम
13 जनवरी 2016 को सरकार ने पीएमएफबीवाई लागू करते समय किसानों को मामूली प्रीमियम पर फसल बीमा देने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, खरीफ और रबी की फसलों की प्रीमियम दर अलग रखी. खरीफ की फसल के लिए किसानों को कुल प्रीमियम का दो फीसदी और रबी की फसल के लिए डेढ़ फीसदी देना होता है। शेष रकम का भुगतान सरकार करती है।

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