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बिजनेस न्यूज। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार भारत में दिसंबर 2021 तक 53 मिलियन बेरोजगार लोग हैं और उनमें से एक बड़ा हिस्सा महिलाएं हैं। सीएमआईई (CMIE) ने कहा कि इनमें से 35 मिलियन बेरोजगार हैं जो सक्रिय रूप से काम की तलाश में हैं जबकि 17 मिलियन वे हैं जो काम करने के इच्छुक हैं, लेकिन सक्रिय रूप से इसकी तलाश नहीं कर रहे हैं।
सीएमआईई ने अपने वीकली एनालिसिस रिपोर्ट में कहा कि भारत को तुरंत बेरोजगारी दर में 7.9 फीसदी या दिसंबर 2021 में 35 मिलियन लोगों को रोजगार प्रदान करने की आवश्यकता है, जो बेरोजगारी दर में हैं या दिसंबर 2021 में 35 मिलियन जो कार्यरत नहीं थे और वे सक्रिय रूप से नौकरी तलाश रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक अहम चुनौती उन 17 मिलियन अतिरिक्त लोगों को रोजगार देना है, जो बेरोजगार थे और काम उपलब्ध होने पर काम करने के इच्छुक थे, हालांकि वे सक्रिय रूप से काम की तलाश में नहीं थे।
सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2021 में सक्रिय रूप से काम की तलाश करने वाले 35 मिलियन बेरोजगारों में से 23 फीसदी या 8 मिलियन महिलाएं थीं। साथ ही निष्क्रिय रूप से बेरोजगार 17 मिलियन में से, 53 फीसदी या 9 मिलियन महिलाएं काम करने को तैयार थीं, हालांकि वे सक्रिय रूप से काम की तलाश में नहीं थीं। सर्वे के अनुसार जांच करने की बात यह है कि काम करने की इच्छुक महिलाएं काम के लिए एक्टिवली अप्लाई क्यों नहीं कर रही हैं। काम की तलाश क्यों नहीं कर रही हैं। यह जॉब की उपलब्धता की कमी है या लेबर फोर्स के साथ जुड़ने के लिए महिलाओं को सोशल सपोर्ट की कमी है।
सीएमआईई ने वर्ल्ड बैंक के डाटा का हवाला देते हुए कहा कि वर्ल्ड बैंक ने महामारी से प्रभावित 2020 में ग्लोबल रोजगार दर 55 फीसदी या 2019 में 58 फीसदी रहने का अनुमान जताया था, जबकि भारत में यह 43 फीसदी के निचले स्तर पर है। हालांकि, सीएमआई ने भारत की रोजगार दर 38 फीसदी रहने का अनुमान भी जताया है।
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