लखनऊ के इंदिरा गांधी सभागार में छात्रों के लिए मोटीवेशन सेशन

यूनिक समय, लखनऊ/ मथुरा। सफलता क्या है? हर किसी की सफलता की परिभाषा दूसरों से भिन्न है। इसलिए हर किसी की सफलता की व्याख्या अलग होती है। कुछ के लिए यह मन की एक अवस्था है, कुछ के लिए भौतिक सुख, तो कुछ के लिए एक निश्चित पद को पाना और कुछ के लिए समाज में कुछ बड़ा कर नाम और शोहरत पाना।

यह सफलता के मंत्र जीएलए विश्ववविद्यालय, मथुरा की संस्था प्रयास टीम के सहयोग से लखनऊ के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी सभागार में आयोजित मोटीवेशन सेशन के दौरान मोटीवेशनल स्पीकर एवं जीएलए विश्वविद्यालय के सीईओ नीरज अग्रवाल ने 1200 से अधिक छात्रों को दिए।

सेशन के दौरान लखनऊ, बाराबंकी एवं सीतापुर रोड स्थित कैपीटल पब्लिक स्कूल, एसडीएसएन पब्लिक स्कूल, सरस्वती विद्या मंदिर, हॉनर कॉलेज, डायमंड पब्लिक स्कूल, अरविंद एकेडमी, श्याम सुंदर, केन्द्रीय विद्यालय, वर्धन इंटरनेशनल, एसटी एक्सवियर्स, लखनऊ इंटरनेशनल स्कूल, एमआर जयपुरिया, न्यू एरा स्कूल, रॉयल माउंट एकेडमी, पुलिस मॉर्डन स्कूल, चेतना, शिवानी पब्लिक स्कूल आदि के 1200 से अधिक छात्रों को दर्जनों प्रेरणास्त्रोत कहानियों के माध्यम से सफलता के मंत्र एवं अनुभव साझा करते हुए मोटीवेशनल स्पीकर नीरज अग्रवाल ने कहा कि मेरे विचार से सफलता कभी पूर्ण नहीं होती है बल्कि यह सापेक्ष होती है।

यह सिर्फ एक अल्पविराम है, पूर्णविराम नहीं। यह अंत न होकर जीवन की यात्रा का सिर्फ एक मोड़ है। इससे कभी संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता। असल में सफलता हमेशा बेहतर करने और आगे बढ़ने का संदेश देती है। अंत में छात्रों को जीएलए विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में अवगत कराया। इस दौरान छात्रों ने बड़ी ही उत्सुकता से प्रश्न पूछे।

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