मुडिया पूर्णिमा: गोवर्धन धाम रंगा गिरिराज की भक्ति में

लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं सप्तकोसी परिक्रमा कर कमाया पुण्य लाभ
— गिरिराजजी के मंदिरों में दुग्धाभिषेक कर की पूजा अर्चना
यूनिक समय, मथुरा। गुरु भक्ति के प्रतीक मुडिया पूर्णिमा मेला में मंगलवार को यहां से 23 किमी दूर गिरिराज धाम में लघु भारत के दर्शन हुए। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गिरिराजजी की सप्तकोसी परिक्रमा लगाई और गिरिराजजी के मंदिरों में पूजा अर्चना की।21 किलोमीटर लंबे परिक्रमा मार्ग में आस्था का जनसैलाब बह रहा है। रात हो या भोर का पहर, असंख्य श्रद्धालु भीड़ को चीरते हुए आगे बढ़ते चले जा रहे थे।
गिरिराजधाम में हर तरफ भक्तों का रेला ही नजर आ रहा था। सभी के मन में बस एक ही आस थी कि उनके आराध्य गिरिराज महाराज की कृपा उन पर बनी रहे। इसी भाव से श्रद्धालुओं ने यहां आकर परिक्रमा लगाई। गुरु पूर्णिमा पर मंगलवार सुबह खुशनुमा मौसम ने गिरिराज जी और राधे राधे के जयकारों से श्रद्धालुओं का उत्साह दो गुना हो गया। आस्था और श्रद्धा के समागम के बीच बने जनसैलाब ने मन की मुराद और भक्ति की कामना लिये श्रद्धालु आगे बढ़ रहे थे।
परिक्रमार्थियों के मन में आराध्य गिरिराज महाराज के प्रति भाव इस कदर था कि परिक्रमा मार्ग में अव्यवस्थाएं हावी होने के बाद भी उनके पैर थमने का नाम नहीं ले रहे थे। बल्कि तेज चाल से भीड़ के सैलाब को चीरते हुए चल रहे थे। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भक्ति की प्रबल धारा यहां उमड़ आई हो। गिरिराज जी के गोवर्धन कस्बे के प्रमुख मंदिर दानघाटी, गिरिराज मुकुट मंदिर, हरगोकुल, जतीपुरा के गिरिराज मुखारविंद मंदिर में दुग्धाभिषेक करके पूजा अर्चना की और पेड़ा चनौरी, फल आदि का भोग लगया। प्रत्येक मंदिर में पूजा करने के लिए खचाखच भीड़ नजर आ रही थी। इन मंदिरों से दर्शन करने के बाद परिक्रमार्थियों ने हरदेवजी मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर, चकलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करके मनौती मांगी।
भक्तों का सैलाब गिरिराज दानघाटी मंदिर, परिक्रमा मार्ग में आन्यौर, पूंछरी, जतीपुरा, राधाकुंड के अलावा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और पार्किंग स्थलों पर दिखाई दे रहा था। परिक्रमा मार्ग में आयोजित हो रहे धार्मिक कार्यक्रम या सेवा शिविर और भजनों पर थिरकते श्रद्धालु सभी मेले की शोभा बढ़ा रहे थे। मुड़िया मेला में चहुंओर भक्ति का वातावरण दिखाई दिया।
गुरु पूर्णिमा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत सत्कार के लिए स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 21 किमी लंबे परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया गया। कहीं शरबत की प्याऊ लगी थी तो कहीं शीतल पेयजल की। परिक्रमा करने वालों को पग-पग पर तरह-तरह की मिठाइयां व अन्य व्यंजन खिलाए जा रहे थे। भंडारों में पूड़ी, कचौड़ी, पेठा, आइसक्रीम, आम, अमरूद, केला भक्तों को बांट कर लोगों ने पुण्य कमाया।
मुड़िया मेले में उत्तर प्रदेश के साथ—साथ मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, बिहार और राजस्थान के श्रद्धालुओं ने यहां पहुंचकर परिक्रमा लगाई और कुंडों के जल से स्नान किया।शुरुआत से ही माना जा रहा था कि इस बार भीड़ पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा, एसएसपी शलभ माथुर, एसपी देहात, मेला प्रभारी एडीएम प्रशासन सतीश चंद्र त्रिपाठी पूर्णिमा मेला की व्यवस्थाओं पर नजर रखे रहे। 12 जुलाई से शुरू हुए इस मेला में भीड़ का आंकड़ा एक करोड़ के पास पहुंच चुका था। वहीं भीड़ के बढ़ते दबाव के चलते जिला व पुलिस प्रशासन ने इंतजाम और पुख्ता किये गये थे।

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