मथुरा। श्रावण कृष्णपक्ष की पंचमी सोमवार को अग्रवाल समाज की महिलाओं ने नाग पंचमी पर अपने पूर्वज नाग देवता की पूजा अर्चना करके परिवार की मंगल कामना की प्रार्थना की। शहर के नाग टीला पर आज प्रात: से ही महिलाओं का नागपूजा के लिए तांता लग गया। महिलाओं ने नाग पंचमी की कहानी सुनी और जंगल में जाकर सर्प के बिल के पास दूध रखा।
मान्यता है कि महाराजा अग्रसेन की पत्नी नाग कन्या के द्वारा ही अग्रवंश के अठारह पुत्रों का जन्म हुआ था। 18 पुत्रों के नामों पर ही अग्रवाल समाज के 18 गौत्र बनाए गए थे। इस कारण ही अग्रवाल समाज की महिलाएं श्रावण मास की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मना कर सर्पो को दूध पिलाकर नागों की बामियों का पूजन करती हैं। बताते हैं कि नागदेव ने वैश्य समाज की महिलाओं को बहिन मानकर रक्षा की थी। इसी परम्परा के अनुसार वैश्य समाज की महिलाओं द्वारा नागदेव को भाई मानकर नागपंचमी के दिन नागदेव की पूजा-अर्चना कर दूध पिलाया जाता है।
जनपद के गांव व कस्बों में अग्रवाल समाज के घरों पर खीर, पूडी, सब्जी आदि पकवान बनाकर गरीबों को खिलाने के बाद घर के सदस्य भोजन किया। महानगर में नाग टीला स्थित नाग देवता के मंदिर पर पहुंचकर अग्रवाल समाज की महिलाओं ने नाग देवता की दूध आदि से पूजा कर मनोकामना पूरी होने की कामना की। इसके बाद महिलाएं सुबह से ही नाग देव की बामियों में जाकर पूजा-अर्चना की। बुजुर्ग महिलाओं ने नागदेव की कथा सुनकर सूर्यदेव को अर्क दिया। महिलाएं समूह में गीत-गाते हुए नागदेवता के मंदिर पहुंची।
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