सांसों के लिए सिसकते लोगों के देवता बन गए ‘नारायण’, रामकिशन भी अच्छे कार्य में निभा रहे हैं भूमिका

महेश वाष्र्णेय
यूनिक समय, मथुरा। कोरोना संक्रमण रोगियों की बंद हो रही सांसों के लिए देवता समान बन गए हैं जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल। यकीन नहीं आ रहा है तो सांसों के लिए सिसक रहे कोरोना संक्रमित रोगियों की जान बचाने के लिए आक्सीजन सिलेंडर लेने आ रहे तीमारदारों के मुंह से निकल रहे शब्दों को सुनिए।

दिल्ली, मेरठ, नोएडा, साहिबाबाद, बुलंदशहर एवं अलीगढ़ आदि शहरों में आक्सीजन की किल्लत से हर कोई वाकिफ है। कोरोना संक्रमित कई रोगियों ने आक्सीजन के चक्कर में दम भी तोड़ दिया। जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने कोरोना संक्रमित रोगियों को सांस लेने में आ रही दिक्कत और दम तोड़ रहे रोगियों के परिवार के दर्द को समझा। उन्होंने आक्सीजन मंगाने का इंतजाम किया। बसेरा ग्रुप के चेयरमैन रामकिशन अग्रवाल को संग लिया। दोनों समाजसेवी कोरोना संक्रमण रोगियों की सांसों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे। दोनों ने मंत्रणा कर कोविड उपचार की सुविधा के बीच ऑक्सीजन की उपलब्धता लोगों को निशुल्क देने का मन बनाया। फोगला आश्रम के सामने होटल बसेरा पर आक्सीजन सिलेंडर उतरवाना शुरु कर दिया। पिछले पांच दिनों से निरंतर हर किसी को आक्सीजन निशुल्क वितरित की जा रही है।

आसपास ही नहीं बल्कि दूरदराज शहरों के लोग भी खाली सिलेंडर लेकर आ रहे हैं और आक्सीजन वाले सिलेंडर को लेकर जा रहे हैं। कई शहरों से आक्सीजन लेने आए तीमारदारों ने बताया कि हर सांस भगवान के हाथ में होती है। इस समय निशुल्क आक्सीजन देकर जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल एवं बसेरा ग्रुप के चेयरमैन रामकिशन अग्रवाल देवता (भगवान) के समान ही बन गए हैं। इस आक्सीजन से कितने लोगों की नई जिंदगी मिलेगी।

बसेरा ग्रुप के चेयरमैन रामकिशन अग्रवाल ने बताया कि कोविड संक्रमण के इस गंभीर संकट के दौर में लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पांच दिन से रोजाना कभी 120, कभी 130 तो कभी 140 आक्सीजन सिलेंडरों का वितरण हो रहा है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मथुरा और वृंदावन के रोगियों को अब आक्सीजन की कमीके कारण जिंदगी गंवानी नहीं पड़ेगी।

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