कल से नवरात्र: इस सामग्री बिना अधूरी रहेगी आपकी पूजा

मथुरा। साल 2019 में चैत्र माह में पहली नवरात्र पड़ेगी। पहला नवरात्र की 6 अप्रैल से शुरुआत के साथ 13 अप्रैल को समाप्त होगी। पूरे साल में चार बार नवरात्र आते हैं। जिसमें से 2 गुप्त नवरात्र होती है। इसके साथ ही शारदीय नवरात्रि का अधिक महत्व होता है, जो सितंबर से अक्टूबर के दौरान आते हैं।
पं. अजय कुमार तैलंग ने बताया कि हिंदू मान्यता के अनुसार चैत्र और शारदीय नवरात्र को ही महत्वपूर्ण माना गया है। चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है। हर साल मां दुग्रा के नौ रुप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। हर कोई अपने अनुसार मां की पूजा अर्चना कर प्रसन्न करता है। नवरात्र के साथ-साथ हिंदू नववर्ष भी प्रारम्भ हो जाएगा। नवरात्र देश में मुख्य रुप से हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ज्यादा मनाया जाता है।

जानें किस दिन होगी किस देवी की पूजा
पहला नवरात्र 6 अप्रैल से, घट स्थापना व मां शैलपुत्री पूजा, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
दूसरा नवरात्र 7 अप्रैल रविवार: मां चंद्रघंटा पूजा
तीसरा नवरात्र 8 अप्रैल सोमवार: मां कुष्मांडा पूजा
चौथा नवरात्र 9 अप्रैल मंगलवार: मां स्कंदमाता पूजा
पांचवां नवरात्र 10 अप्रैल बुधवार: पंचमी तिथि सरस्वती आह्वाहन
छष्ठ नवरात्र 11 अप्रैल गुरुवार: मां कात्यायनी पूजा
सातवां नवरात्र 12 अप्रैल शुक्रवार: मां कालरात्रि पूजा
नवमी 13 अप्रैल शनिवार: मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, महानवमी

इन चीजों के बिना अधूरी होगी नवरात्र में देवी मां की पूजा
कलश स्थापना के लिए सामान: मिट्टी का कलश और ढकन के लिए ढक्कन, जौ, साफ मिट्टी, रक्षा सूत्र, लौंग इलाइची, रोली और कपूर, आम के पत्ते, पान के पत्ते, साबुत सुपारी, अक्षत, नारियल, फूल, फल, ढक्कन में भरने के लिए चावल या फिर गेंहू।

मां के श्रृंगार का सामान: माता के श्रृंगार का सामान बेहद जरूरी है। इसमें आप लाल चुनरी के साथ लाल चूड़ियां, सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी, आलता और बिंदी, शीशा, कंघी भी शामिल करें।

पूजा के प्रसाद: फूलदाना, मिठाई, मेवा, फल, इलायची, मखाना, लौंग, मिस्री होनी चाहिए।
अखंड ज्योति के लिए सामग्री

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*