लापरवाही: कोरोना काल में छोटे-छोटे बच्चों को बुलाया स्कूल, तो कौन जिम्मेदार होगा!

कोसीकलां में बड़ी अनदेखी
सिटी रिपोर्टर
यूनिक समय/ कोसीकलां। स्थान-पुराना बिजली घर। यहां स्थित आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में आते-जाते छोटी कक्षाओं के छात्र-छात्रा। हर किसी की नजरें पड़ी तो वह हैरत में। सरकार ने कक्षा एक से लेकर आठ तक स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने पर रोक लगा रखी है तो फिर इस स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों को क्यों बुलाया जा रहा है। हैरत की बात तो यह कोरोना संक्रमणकाल में किसी के बच्चे पर मुंह पर मास्क नजर नहीं आया और न ही सेनेटाइजर की व्यवस्था दिखाई दी। मामला बेसिक शिक्षा अधिकारियों तक पहुंचा तो वह पल्ला झाड़ते नजर आए।


अब प्रश्न उठता है कि किसी बच्चे को कुछ हो गया तो किसकी जिम्मेदारी होगी। चूंकि कोसीकलां के कई इलाकों में आए दिन कोरोना संक्रमण के केस सामने आ रहे हैं। नजारा आज का नहीं है, बल्कि करीब चार-पांच दिन पहले का है। अभिभावकों की शिकायत मीडिया की टीम विद्या मंदिर पहुंची तो छात्र–छात्रा बच्चे मुंह पर बिना मास्क के खेल रहे थे।ं कक्षा तीन के छात्र कपिल, कक्षा चार की छात्रा भूमि, कक्षा छह की छात्रा गुंजन व अनुज आर्य ने बताया कि विद्या मंदिर के प्रबंधक द्वारा नोटिस देकर स्कूल बुलाया गया। छोटी क्लासों के बच्चे कैमरा में कैद होने के बाद विद्या मंदिर के प्रबंधक तरुण गुप्ता ंकितना बड़ा झूठ बोलते नजर आए। कहा कि उनके यहां छोटी क्लास के बच्चे नहीं आये हैं। खंड शिक्षा अधिकारी नंदगांव प्रमोद कुमार ने बताया कि अभी विद्यालय में छोटी क्लास के बच्चों को बुलाने का कोई आदेश नहीं है। अगर विद्यालय में ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कराकर दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने को लेकर चिंतित हैं। मंजू अग्रवाल, सुनीता देवी तथा रीतू चौधरी का कहना है कि बढते संक्रमित के बीच बच्चों को स्कूल बुलाना एक गैर जिम्मेदार कदम है।

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