- प्रशिक्षण केन्द्र पर नहीं मिलता कोई, लगा रहता है कमरों पर ताला
- प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं को नहीं मिले प्रमाणपत्र
गिरधारी लाल श्रोत्रिय
यूनिक समय, मथुरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य के युवाओं के भविष्य को सुधारने के लिए निरन्तर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए एक नयी योजना शुरू की, जिसका नाम उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन है। इस मिशन के तहत राज्य के उन सभी बेरोजगार युवक और युवतियों को ऐसे प्रशिक्षण दिलाने में प्रावधान कर रही है जिससे राज्य के युवा अपने पैरों पर खड़े हो सके और स्वावलंबी बन सके। परंतु मथुरा जनपद में इस योजना के संचालनकर्ता ही योजना को पलीता लगा रहे हैं।
जहां इसका प्रशिक्षण केन्द्र खोला हुआ है वहां हमेशा ताला लगा रहता है। उसके बाहर गंदगी का साम्राज्य है। ऐसे में जिले के युवाओं का कैसे कौशल विकास होगा ? यह जांच का विषय है। शासन ने यूपी कौशल विकास योजना में 14 से 35 वर्ष तक के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए फैशन डिजाइंनिग, प्लम्बर, कम्प्पूटर ट्रेनिंग, पेटिंग, ड्राइविंग, वेल्डर आदि विभिन्न ट्रेड का प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अंग्रेजी और कंप्यूटर की जानकारी भी दी जाएगी, ताकि युवा अपने रूचि के अनुसार अपने ट्रेड को चुन सकते हैं।
शासन की मंशा के अनुरूप महिला थाना के पीछे यूपी कौशल विकास मिशन का प्रशिक्षण केन्द्र जिला प्रशासन ने खोला था। जहां योजना के बड़े-बडे बोर्ड लगे हैं। प्रशिक्षण लेने के लिए युवक व युवतियां पहुंच रहे हैं। लेकिन केन्द्र के सभी कक्षों में ताला लगा है।
वहां कोई जानकारी देने वाला नहीं है। एक युवती ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसने यहां प्रशिक्षण लिया लेकिन उसको कई माह बीत जाने के बाद न प्रमाणपत्र मिला और न ही मानदेय। वह यहां के चक्कर लगाकर थक चुकी है। केन्द्र पर न ही कोई बोर्ड लगा है कि अब यह केन्द्र कहां गया है।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री की इस योजना के संचालन का जिम्मा नोएडा की एक स्वयंसेवी संस्था को सौंपा है। उसका कोई अधिकारी यहां नहीं बैठता है। ऐसे में जिले के युवाओं की बेरोजगारी कैसे दूर होगी यह यहां चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी सुध अभी तक जिले के किसी भी अधिकारी को नहीं आई। न ही इसकी जांच की गई। मुख्य विकास अधिकारी डा. नितिन गौड़ से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे इसके बारे में जांच कराएंगे। यदि संस्था लापरवाही बरत रही है तो उसको ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
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