नई गाइड लाइन: यूपी में 15 फरवरी से पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उच्चा शिक्षा विभाग के तहत आने वाले सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय 15 फरवरी से पूरी तरह खुल जाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अब्दुल समद ने शुक्रवार को इस संबंध में प्रदेश के सभी निजी व राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और निदेशक उच्च शिक्षा को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। इस दौरान सभी शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही कक्षाओं में छात्रों को 6 फीट की दूरी पर बैठाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाएगा।

गाइडलाइन का करना होगा पालन
आदेश के अनुसार शिक्षण संस्थानों को खोलने से पहले उन्हें पूरी तरह सैनेटाइज कराना होगा। संस्थानों में सेनेटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग व प्राथमिक उपचार की व्यवस्था भी करनी होगी। अगर किसी स्टूडेंट, टीचर या कर्मचारी को खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण हैं, तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए घर वापस भेज दिया जाएगा. छात्रों या स्टाफ में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल जांच कराई जाए।

एक-दूसरे के साथ भोजन या बर्तन साझा नहीं करने की सलाह
समस्त राज्य विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में थर्मल स्कैनिंग, हैंडवाश, सैनेटाइजर और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी। विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों में कोई कोरोना संक्रमित होने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। शिक्षकों, विद्यार्थियों को एक दूसरे के साथ भोजन या बर्तन साझा नहीं करने की सलाह दी जाएगी. विद्यार्थियों और शिक्षकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति की जगह संपर्क रहित उपस्थिति की व्यवस्था की जाएगी।

हॉस्टल के छात्र बाजार जाने से बचें
उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रावासों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने, डायनिंग हॉल और कमरों में उचित दूरी का पालन कराने, भोजन पकाने वाले कर्मचारियों को फेस कवर, मास्क और सेनिटाइजर की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं। छात्रावास के विद्यार्थियों और कर्मचारियों को बाजार जाने से बचने की सलाह दी जाएगी, उनके लिए आवश्यक वस्तुएं छात्रावास परिसर में ही उपलब्ध कराई जाएगी।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद नवंबर से विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कक्षाओं का संचालन शुरू किया गया था। जिनमें प्रैक्टिकल विषयो में शत-प्रतिशत उपस्थिति बैच के अनुसार थी, वहीं प्रैक्टिकल रहित विषयों में हाजिरी 50 प्रतिशत थी. ऐसे में पूरी क्षमता के साथ विश्विद्यालय, महाविद्यालय व उच्च शैक्षणिक संस्थान खुलने से छात्र और शिक्षक दोनों में उत्साह का माहौल है।

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