पुलवामा हमले का एनआईए का बड़ा खुलासा, इस शख्स की थी मारूति कार

श्रीनगर। पुलवामा पुलवामा हमले की जांच कर रही एनआईए की टीम को अहम सबूत हाथ लगे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनआई की टीम ने उस मारुति गाड़ी का पता लगा लिया है, जिसमें आरडीएक्स रखकर सीआरपीएफ के काफिले पर हमले को अंजाम दिया गया। इसके साथ ही एनआईए की टीम को इस बात की जानकारी भी मिली है कि हमले में प्रयोग किया गया आरडीएक्स कितने संख्या में था और कहां से लाया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनआईए की टीम ने पुलवामा हमले की जांच में हर एक पहलू को खंगाला तो उसे पता चला कि जिस मारुति कार को हमले के लिए प्रयोग किया गया, वह दक्षिण कश्मीर में किसी शख्स की थी। अब फोर्स उस व्यक्ति को पकड़ने में लगी हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर में आतंकियों तक यह गाड़ी कैसे पहुंची। इसके लिए जगह-जगह दबिश दी जा रही है, लेकिन वह शख्स अभी फरार बताया जा रहा है। इसके अलावा एनआईए को यह भी जानकारी मिली है कि हमले में 25 से 30 किलों आरडीएक्स का यूज किया गया और वह आरडीएक्स पाकिस्तान से यहां पर पहुंचा था।
हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि हमले में पाकिस्तान से लाया गया RDX यूज किया था, लेकिन उसको छिपाकर कहां पर रखा गया था, इसके लिए शक की सुई स्थानीय खदानों की तरफ भी घूम रही है। एजेंसियों का मानना है कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने इनमें से ही किसी खदान में विस्फोटक छिपाया होगा। दक्षिणी कश्मीर में करीब 30 पत्थर की खदान हैं। पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां में मौजूद इन खदानों में कई बार सीमा पार से अवैध तरीके से लाए गए विस्फोटकों और डिटोनेटर्स का इस्तेमाल होता है। ऐसी आशंका है कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने ऐसी ही किसी खदान में विस्फोटक को छुपाया होगा।
श्रीनगर के पांथा चौक और आथवाजन इलाके के साथ ही आस-पड़ोस के इलाकों में खदान के काम पर पर्यावरण मानकों का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि इंटेलिजेंस एजेंसियों के अनुसार घाटी में बंद पड़ी कुछ खदानों से विस्फोटक, सेफ्टी फ्यूज, ऐल्युमिनियम इलेक्ट्रिक डेटोनेटर्स बरामद किए गए हैं। अधिकारियों का ऐसा मानना है कि हमले में यूज की गई विस्फोटकों की भारी मात्रा को एक ही दिन में कार में ला पाना संभव नहीं है।

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