नौ आतंकी समूहों ने बना रखा है कनाड़ा में ठिकाना

ओटावा। खालिस्तानी आतंकियों को लेकर भारत और कनाडा के रिश्ते इन दिनों खराब हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने राजनीतिक लाभ के लिए खालिस्तानी आतंकियों को पनाह दे रहे हैं।

नौ अलगाववादी संगठनों का ठिकाना हैं कनाड़ा

भारत सरकार के अधिकारियों के अनुसार आतंकवादी समूहों का समर्थन करने वाले कम से कम नौ अलगाववादी संगठनों के ठिकाने कनाडा में हैं। आतंकियों के भारत को सौंपने को लेकर भारत सरकार ने कनाडा की सरकार से कई बार अनुरोध किया है, लेकिन ट्रूडो सरकार ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की। कनाडा में बैठे आतंकियों ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या सहित कई जघन्य अपराध भारत में कराए हैं।

विश्व सिख संगठन (WSO), खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF), सिख फॉर जस्टिस (SFJ) और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) जैसे कम से कम 9 खालिस्तान समर्थक संगठन कनाडा की धरती से ऑपरेट हो रहे हैं। वे पाकिस्तान के इशारे पर भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं।

जिस खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए हैं वह वांटेड आतंकी था। भारत सरकार के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार भारत ने वांछित आतंकवादियों और गैंगस्टरों के निर्वासन का मुद्दा कनाडा के सामने कई बार उठाया, लेकिन कनाडा द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। आतंकवादी गतिविधियों में शामिल आठ लोगों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ साजिश रचने वाले कई गैंगस्टरों को कनाडा में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है।

गुरवंत सिंह 1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। वह कनाडा में बैठा हुआ है। उसके खिलाफ खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस भी लंबित है। भारतीय अधिकारियों ने गुरप्रीत सिंह के निर्वासन का अनुरोध किया था, लेकिन कनाडा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इसी तरह 16 आपराधिक मामलों में वांछित अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला, प्रसिद्ध पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले सतिंदरजीत सिंह बराड़ उर्फ गोल्डी बराड़ सहित कई खूंखार गैंगस्टरों ने भी कनाडा में पनाह ली है। इनके निर्वासन के लिए भारत ने अनुरोध किया, लेकिन कनाडाई सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं की गई।

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