नई दिल्ली। निपाह वायरस के खौफ से केरल के लोग डरे-सहमे हैं। इसने राज्य को कोरोना काल जैसे भयावह दिन दिखाने शुरू कर दिए हैं। उन्हीं दिनों की तरह कन्टेनमेंट जोन बनाए गए हैं। लोगों को अपने घरों में बंद रहने के लिए कहा गया है।
केरल में निपाह के संक्रमण से दो लोगों की मौत हुई है। तीन लोग संक्रमित पाए गए हैं। ICMR (Indian Council of Medical Research) ने राज्य सरकार के निवेदन पर कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए जरूरी एंटीबॉडी दे दिया है। सैंपल की जांच के लिए मोबाइल लेबोरेटरी को ग्राउंड पर लगाया गया है।
नौ पंचायतों को बनाया कन्टेनमेंट जोन
केरल के कोझिकोड जिले की नौ पंचायतों को कन्टेनमेंट जोन बनाया गया है। यहां सैकड़ों स्वास्थ्य कार्यकर्ता को तैनात किया गया है। ये लोगों के घरों में जा करे हैं और उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं। पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है। इसके चलते लोगों को कोरोना महामारी के दिनों की यादें ताजा हो रहीं हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन की तरह कन्टेनमेंट जोन में प्रवेश बैन है। इन वार्डों में आने-जाने वाले सभी प्रमुख रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है। यहां पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। आवश्यक वस्तुएं बेचने वाली दुकानें और मेडिकल दुकानें सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक खुल सकती हैं बाकी दुकानों को बंद कर दिया गया है।
निपाह वायरस के संक्रमण से लोग हुए प्रभावित
निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद दो लोगों की मौत के बाद अधिकारियों ने नियंत्रण क्षेत्र बनाए हैं। पांच अन्य संक्रमितों का इलाज अस्पतालों में इलाज चल रहा है। 15 लोगों के सैंपल लिए गए हैं।पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे गए 11 लोगों के सैंपल निगेटिव आए हैं।पुणे के आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने वायरस के नमूनों की जांच के लिए अपनी मोबाइल बीएसएल-3 (बायोसेफ्टी लेवल-3) लेबोरेटरी कोझिकोड भेजी है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, आरएमएल अस्पताल और एनआईएमएचएएनएस के विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय केंद्रीय टीम को केरल में तैनात किया गया है।केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि एंटीवायरल की स्थिरता पर केंद्रीय विशेषज्ञ समिति के साथ चर्चा की गई। आगे की कार्रवाई का फैसला विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जाएगा।
निपाह का प्रकोप मारुथोंकारा पंचायत के कल्लाद वार्ड और अयानचेरी पंचायत के मंगलाद वार्ड में बरपा है। यहां 30 अगस्त और 11 सितंबर को दो लोगों की मौत हुई।आशा कार्यकर्ता कन्टेनमेंट जोन में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी जुटा रहीं हैं। लोगों से पूछा जा रहा है कि उन्हें बुखार, खांसी या अन्य लक्षण हैं या नहीं।
पंचायतें बैठकें कर रही हैं। इनके द्वारा पुलिस और पशुपालन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि निपाह वायरस से मरने वाले दो लोगों के घरों के पांच किलोमीटर के दायरे में कन्टेनमेंट जोन बनाए गए हैं।
केरल के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने कहा कि निपाह के डर से राज्य के पर्यटन क्षेत्र पर कोई असर नहीं पड़ा है। सब कुछ नियंत्रण में है। राज्य में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। कोई प्रतिबंध नहीं है और लोग केरल की यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं।
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