नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने छोटे और मझोले व्यापार के लिए लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत जो लोन दिया था, उसमें करीब 7,277.31 करोड़ एनपीए हो गया है। सरकार की तरफ से वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने मंगलवार को सदन में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मार्च 2018 के अंत तक सरकार की तरफ से दिए गए मुद्रा लोन में 7,277.31 करोड़ की राशि एनपीए हो गई है।
हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मुद्रा लोन से एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट (बैड लोन) के बढ़ते बोझ पर चिंता जताई थी। रिजर्व बैंक ने वित्त मंत्रालय और सभी बैंकों को इस बारे में चिट्ठी लिखकर चेताया था। इसके अलावा वित्त मंत्रालय को जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए थे। आरबीआईने ने कहा था कि सरकार से मुद्रा लोन लेकर बिजनेस शुरू करने वाले पैसा नहीं चुका रहे हैं। अकेले PMMY योजना से बैड लोन का बोझ 11 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ चुका है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो आने वाले दिनों में बैंकिंग व्यवस्था को बहुत घाटा होगा।
PMMY की सालाना रिपोर्ट 2017-18 के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 में इस स्कीम के तहत कुल लोन का वितरण 2.46 ट्रिलियन (खरब) रुपये था। इस स्कीम के तहत दिए गए कुल कर्ज में 40 प्रतिशत अदायगी महिला उद्यमियों को, जबकि 33 प्रतिशत सोशल कैटेगरी में की गई। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान मुद्रा लोन से 4.81 करोड़ से अधिक छोटे कर्जदारों को लाभ हुआ है।
इतना बढ़ गया एनपीए का बोझ
साल 2015-16 में 596.72 करोड़ रुपये मुद्रा लोन एनपीए में तब्दील हो चुका है। 2016 17 में ये एनपीए की रकम बढ़कर 3790.35 करोड़ रुपये हो गई। वहीं, इसके अगले यानी 2017-18 में यह रकम बढ़कर 7277 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यानी हर साल ये रकम दोगुनी होती जा रही है। हालांकि, सरकार का कहना है कि इसमें बहुत चिंता की बात नहीं है, क्योंकि रकम भले ही बहुत ज्यादा दिख रही हो, लेकिन प्रतिशत के हिसाब से देखें तो ये मुश्किल से 2.5 से 3 फीसदी है।
मुद्रा लोन योजना क्या है?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) 8 अप्रैल 2015 में लॉन्च की गई थी। इसके तहत बिना गारंटी के लोन मिलता है। इसके अलावा लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। मुद्रा योजना (PMMY) में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। लोन लेने वाले को एक मुद्रा कार्ड मिलता है, जिसकी मदद से कारोबारी जरूरत पर आने वाला खर्च किया जा सकता है। मुद्रा योजना में शिशु लोन (50,000), किशोर लोन (50,001 से 5 लाख) और तरुण लोन (50,001 से लेकर 10 लाख) कुल तीन तरह के लोन मिलते हैं।
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