यूनिक समय, मथुरा। होली समाप्ति के बाद हर किसी को बासौड़ा करने की प्रतीक्षा रहती है। वजह भी बासौड़ा पर माता शीतला देवी की पूजा करनी होती है।माता शीतला देवी से बच्चों को निरोग बनाए रखने की प्रार्थना की जाती है। इसलिए जिले भर में माता शीतला माता, पथवारी देवी मंदिरों पर महिलाएं पूजा करने के लिए उमड़ पड़ी। कई मंदिरों के आसपास तो मेला जैसा नजारा दिखाई दिया।
हैरत की बात तो यह दिखाई दी कि कहीं पर भी कोरोना की गाइड लाइन का पालन नहीं हो रहा था। सभी को माता शीतला पर पूर्ण भरोसा था। माता शीतला की पूजा करने के बाद महिलाओं ने गधा और कुत्तों के भी टीका लगाकर पकवान खिलाए। फिर घर जाकर बच्चों के सिर पर मुर्गा उड़वा कर प्रक्रिया को पूर्ण कराया।
वृंदावन, कोसीकलां, फरह, गोवर्धन, नौहझील, राया, बलदेव, सौंख, छाता, चौमुहां, बरसाना, नंदगांव, मांट, महावन, गोकुल, सुरीर समेत अन्य ग्रामीण अंचलों में स्थित पथवारी देवी मंदिर और होलिका स्थल पर पूजा करने के लिए महिलाओं के पहुंचने का सिलसिला रात से शुरु हो गया था।
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