मोहन भागवत के बयान पर, बोले ओवैसी—हिंसा और कत्ल गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच

यूनिक समय, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने कहा कि कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का ही हिस्सा है। बता दें रविवार को भागवत ने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। उन्होंने लिंचिंग को लेकर कहा कि इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं और लोकतंत्र में हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर मोहन भागवत को घेरा। ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, ‘आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी. इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।

बीजेपी पर निशाना
ओवैसी ने आगे लिखा कि केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है। अखलाक के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है। आसिफ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहां भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते? उन्होंने कहा कि यह कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोच का अटूट हिस्सा है। मुसलमानों की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है।

मोहन भागवत ने कही थी ये बात
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख भागवत ने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। उन्होंने लिंचिंग को लेकर कहा कि इसमें शामिल लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं और लोकतंत्र में हिंदुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता है। हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग नहीं बल्कि एक हैं। उन्होंने कहा था कि पूजा करने के तरीके को लेकर लोगों के बीच अंतर नहीं किया जा सकता। कुछ काम ऐसे हैं, जो राजनीति नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट नहीं कर सकती।

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