
यूनिक समय, नई दिल्ली। भारत द्वारा सिंधु जल समझौता को स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस मुद्दे पर पाकिस्तान की संसद में गंभीर बहस छिड़ी, जिसमें सैयद अली जफर ने भारत के इस कदम को “वॉटर बम” करार दिया। उन्होंने चेताया कि यदि पानी के इस संकट का समाधान नहीं किया गया, तो पाकिस्तान को भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है।
सैयद अली जफर ने अपने भाषण में कहा, “हम एक वॉटर-स्ट्रेस देश हैं और जल संकट की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। इंडस बेसिन हमारी जीवनरेखा है और तीन-चौथाई पानी हमें सीमापार से मिलता है।” उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान की 90 प्रतिशत कृषि और अधिकांश पावर प्रोजेक्ट्स इसी बेसिन पर निर्भर हैं।
उन्होंने यह मुद्दा देश की सुरक्षा और अस्तित्व से जोड़ते हुए कहा, “21वीं सदी की लड़ाइयां पानी पर लड़ी जाएंगी और हमारे लिए यह युद्ध पहले ही शुरू हो चुका है। यह समस्या आतंकवाद जितनी ही गंभीर है।”
जफर ने इतिहास की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ था, तब फिरोजपुर हेडवर्क्स की स्थिति को लेकर विवाद रहा। उनका आरोप है कि रेडक्लिफ लाइन अंतिम समय में बदली गई, जिससे पानी का नियंत्रण भारत के हाथ में चला गया।
पिछले दिनों भारत द्वारा सिंधु जल समझौता पर पुनर्विचार और उसे स्थगित करने के फैसले के बाद पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
पाकिस्तान की संसद में इस मुद्दे पर तीखी बहस हो रही है और सरकार पर दबाव है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मामले को उठाए और भारत के साथ वार्ता के रास्ते तलाशे।
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