
यूनिक समय, मथुरा। राधा निवास क्षेत्र स्थित श्री श्यामा श्याम चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय रंगारंग महोत्सव के तीसरे दिन श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर व्यास पीठ से बोलते हुए प्रसिद्ध संत प्रथमेश लाल गोस्वामी महाराज ने भक्त प्रहलाद, ध्रुव चरित्र, नरसिंह अवतार और सागर मंथन के प्रसंगों पर प्रकाश डाला।
श्रीमद् भागवत कथा के दौरान उन्होंने भक्त प्रहलाद की कथा को विस्तार से बताया, जिसमें भक्त प्रहलाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप द्वारा भक्ति मार्ग से हटाने के लिए कई कष्ट दिए गए, लेकिन भक्त प्रहलाद ने भक्ति मार्ग को नहीं छोड़ा। गोस्वामी महाराज ने कहा, “हमारे जीवन में भी कई कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन हमें प्रभु के प्रति अपनी भक्ति को छोड़ना नहीं चाहिए। संकट चाहे जैसे भी हों, प्रभु का ध्यान करते रहना चाहिए, क्योंकि वही सभी परेशानियों का नाश करने में सक्षम हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “माता-पिता की सेवा सबसे बड़ी पूजा है, क्योंकि हमारे संस्कारों की नींव माता-पिता में ही होती है। यदि हम उनके बारे में नहीं बताएंगे, तो और कौन बताएगा?” इस अवसर पर गायत्री गोस्वामी, मीनाक्षी गोस्वामी, राधिका गोस्वामी, सुनील कामिनी नारंग, संजीव ग्रोवर सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे। कथा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया, और भक्तों ने श्रद्धा भाव से कथा का लाभ लिया।
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