नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट को आशंका है कि आधार का डाटा चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार की वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका की सुनवाई को दौरान कहा कि आधार डाटा लीक एक गंभीर मसला है और यह चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकता है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बैंच ने कहा कि आधार डाटा के दुरुपयोग से जुड़ी आशंकाएं वास्तविक हैं। इन आंकड़ों का इस्तेमाल चुनाव में हेराफेरी करने के लिए किया जा सकता है। साथ ही पीठ ने कहा कि असल चिंता चुनाव में डाटा ब्योरे के दुरुपयोग को लेकर है। आधार का अस्तित्व किसी दूसरी दुनिया में नहीं इसी दुनिया में है। इसके दुरुपयोग पर विचार करते समय हमें इसका ध्यान रखना ही होगा। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर इसका इस्तेमाल कर चुनाव नतीजों को प्रभावित किया गया तो क्या लोकतंत्र बचा रहेगा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में UIDAI की ओर से पेश वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि अदालत को आधार की हर अधिसूचना की जांच निजता के आधार पर करनी चाहिए। आधार की संपूर्ण स्कीम को खारिज नहीं किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिकी चुनावों को प्रभावित करने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा फेसबुक यूजर्स के डाटा चोरी की बुनियाद पर आधार को खारिज नहीं किया जा सकता। कई याची आधार की जगह स्मार्ट कार्ड की पैरवी कर रहे हैं क्योंकि गूगल जैसी संस्थाएं नहीं चाहती हैं कि आधार सफल हो।
आपको बता दें कि गलत तरीके से आधार डाटा प्राप्त करने का मामला सामने आ चुका है। इससे जुड़ी सूचनाएं लीक होने की खबरें भी आती रही हैं। हाल में महज 500 रुपये में आधार डाटा प्राप्त करने की रिपोर्ट मीडिया में आई थी। इसके बाद से आधार डाटा लीक को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
Leave a Reply