
यूनिक समय, नई दिल्ली। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की गूंज अब पाकिस्तान की सियासत और सेना तक पहुंच गई है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की संलिप्तता सामने आई है। पाकिस्तान सेना के पूर्व मेजर आदिल राजा के खुलासे के मुताबिक, इस हमले को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया ताकि आसिम मुनीर अपनी कुर्सी को सुरक्षित रख सकें और प्रमोशन की ओर बढ़ सकें।
मेजर आदिल ने दावा किया है कि आसिम मुनीर फील्ड मार्शल बनने की महत्वाकांक्षा रखते थे, और इसके लिए उन्होंने इस तरह का हमला करवाया ताकि भारत में अस्थिरता फैले और आंतरिक हालात बिगड़ें। उनके अनुसार, इस योजना में तीन मुख्य अधिकारी शामिल थे।
पहला नाम है लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक का, जो 30 सितंबर 2024 को इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख बने थे। उन्हें आसिम मुनीर का बेहद करीबी माना जाता है। हमले के कुछ ही हफ्तों बाद, 29 अप्रैल को उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई, जिससे यह साफ होता है कि उन्हें इस हमले के पीछे इनाम स्वरूप पदोन्नति मिली।
दूसरे अधिकारी हैं मेजर जनरल मोहम्मद शहाब असलम, जो स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन के डायरेक्टर जनरल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, शहाब असलम का इस हमले में सीधा हाथ था। उन्होंने आतंकियों को निर्देश देने के लिए अफगानिस्तान और मलेशिया के सिम कार्ड्स का उपयोग किया ताकि पाकिस्तान की संलिप्तता छिपी रह सके। व्हाट्सऐप चैट्स और कॉल रिकॉर्ड्स से यह पुष्टि हुई है कि वह हमलावरों से लगातार संपर्क में थे और हमले की रणनीति तय कर रहे थे।
भारत की एजेंसियों के पास इस हमले से जुड़े तकनीकी सबूत हैं, जिसमें विदेशी नंबरों से की गई बातचीत की डिटेल्स भी शामिल हैं। इन सभी तथ्यों से स्पष्ट है कि यह हमला किसी आतंकी संगठन की स्वतः स्फूर्त कार्रवाई नहीं थी, बल्कि पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया एजेंसियों द्वारा रची गई एक सुनियोजित साजिश थी।
इस खुलासे के बाद भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा और खुफिया रणनीति को और मजबूत करने के संकेत दिए हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस पूरे मामले पर टिकी हुई हैं।
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