सिद्धू के खिलाफ पार्टी का एक्शन

उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा है कि सिद्धू के खिलाफ पार्टी को एक्शन लेना चाहिए। इसके साथ ही छह मं‍त्री सिद्धू से इस्तीफा मांग चुके हैं, बाकी मंत्रियों ने चुप्पी साध रखी है। दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी का कहना है कि इस मुद्दे पर लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही विचार किया जाएगा। यह मामला पहले ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की जानकारी में आ चुका है।

अधूरा रहा ‘मिशन 13’ तो सिद्धू पर ठीकरा फूटना लगभग तय

दूसरी ओर साफ लगता है कि पंजाब में कांग्रेस का ‘मिशन 13’ पूरा नहीं हुआ तो इसका ठीकरा नवजोत सिद्धू पर ही फूटेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व चुनाव मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन लाल सिंह ने तो इसके संकेत भी दिए हैं।  जानकारों का है कि पंजाब कैबिनेट में सिद्धू के खिलाफ नाराजगी जिस तरह बढ़ रही है तो सिद्धू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई तय लग रही है। सिद्धू इससे पहले भी अपने बयानों के कारण इसी तरह का माहौल बनाते रहे हैं, लेकिन बाद में खेद जताकर बच जाते थे। हालांकि, इस बार हालात अधिक गंभीर दिख रहे हैं।

चार मंत्रियों मंत्री बलबीर सिद्धू, चन्नी, अरुणा, रजिया ने साधी चुप्पी

अब तक सिद्धू के खिलाफ कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा, साधू सिंह धर्मसोत, सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, भारत भूषण आशु खुलकर सामने आ चुके हैं। अब  उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने भी सिद्धू पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सिद्धू की बयानबाजी से कांग्रेस को काफी नुकसान हुआ है। अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से राज्य की खुशहाली और कानून की बहाली के लिए लिए गए फैसले सराहनीय हैं। चूंकि सिद्धू भी कैबिनेट मंत्री हैं, इसलिए जो भी फैसले लिए गए हैं, उसमें सिद्धू भी बराबर के हिस्सेदार हैं।

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अरोड़ा ने कहा कि अगर सिद्धू किसी फैसले से सहमत नहीं हैं तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिद्धू ने जिस तरह से बयानबाजी की है, उससे पंजाब के लोगों और कांग्रेस वर्करों को काफी ठेस पहुंची है। लिहाजा पार्टी हाईकमान सिद्धू के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। पार्टी हाईकमान सिद्धू के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। दूसरी तरफ बलबीर सिद्धू, चरणजीत सिंह चन्नी, अरुणा चौधरी, रजिया सुल्ताना जैसे कैबिनेट मंत्रियों ने इस पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है।

दूसरी ओर, बताया जाता है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच तकरार का मामला कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी के पास पहुंच गया है। अब नवजोत सिद्धू और उनकी पत्‍नी नवजोत कौर सिद्धू की शिकायत दिल्ली दरबार में किए जाने की सूचना है। बठिंडा में दिए सिद्धू के भाषण और उनकी पत्‍नी की टिप्‍पणियों की वीडियाे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा गया है।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सिद्धू और उनकी पत्‍नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के कैप्टन अमरिंदर सिंह व अन्‍य वरिष्‍ठ पार्टी के नेताओं के खिलाफ दिए गए तमाम बयानों की वीडियो क्लिप पंजाब कांग्रेस की ओर से कांग्रेस आलाकमान को भेजी गई है। बताया जाता है कि पंजाब कांग्रेस की ओर से भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि सिद्धू दंपती ने मीडिया में और सार्वजनिक मंचों से खुले तौर पर बयान देकर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है।

आशा कुमारी का कहना है कि कांग्रेस में इस तरह के विवाद होने पर प्रदेश प्रधान से रिपोर्ट ली जाती है। चूंकि प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ अभी चुनावी प्रक्रिया में व्यस्त हैं, अत: चुनाव परिणाम आने के बाद ही उनसे रिपोर्ट तलब की जाएगी।

जाखड़ ने साधी चुप्पी

इन सबके बीच पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है। वह अभी तक मीडिया के सामने नहीं आए हैं। इससे पहले भी सिद्धू जब विवादों में फंसे हैं जाखड़ ने उन्हें इससे निकालने की कोशिश की है, लेकिन इस बार सिद्धू का बचाव करना उनके लिए भी आसान नहीं लग रहा।

सिद्धू का बयान व टाइमिंग दोनों गलत : लाल सिंह

पंजाब कांग्रेस चुनाव मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन लाल सिंह ने कहा कि सिद्धू का बयान व टाइमिंग दोनों गलत है। अगर पार्टी मिशन 13 से पिछड़ती है तो इसका कारण सिद्धू द्वारा की गई बयानबाजी ही होगी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने प्रदेश की सभी 13 सीटें जीतने का लक्ष्‍य तय कर रखा है।

सिद्धू की अपनी ही समस्या : परनीत

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद उनकी पत्‍नी परनीत कौर ने भी सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि सिद्धू को पब्लिक में बयान नहीं देना चाहिए था, उन्हें हाईकमान से बात करनी चाहिए थी। सिद्धू की अपनी ही समस्या है। परनीत के इस बयान से स्पष्ट है कि चुनाव नतीजे यदि अनुकूल नहीं आते हैं तो सिद्धू को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

बता दें, लोकसभा चुनाव में पंजाब में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 17 मई को नवजोत सिंह सिद्धू ने बठिंडा में कांग्रेस प्रत्‍याशी अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के पक्ष में सभा को संबोधित करते हुए सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर हमला कर दिया था। इसके बाद पंजाब कांग्रेस में  भूचाल आ गया।

सिद्धू ने कहा था, कोई बोलता है कि अगर सभी 13 सीटें हार गए तो इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन मैं कहता हूं कि अगर बेअदबी करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। बहुत देख लीं राज्यसभा की सदस्यताएं एवं मंत्री पद। उल्‍लेखनीय है कि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पंजाब की सभी 13 सीटों पर हार गई तो वह मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे देंगे। सिद्धू ने इशारों में बादल परिवार और कैप्‍टन अमरिंदर सिंह में मिलीभगत का भी आरोप जड़ा। उन्‍होंने कहा कि फ्रेंडली मैच खेलने वालों को हराएं।

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इसके बाद मतदान के दिन 19 मई को कैप्‍टन अमरिंदर ने सिद्धू पर पलटवार किया। अमरिंदर ने सिद्धू को अनुशासनहीन करार दिया। सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा था, ‘गलत समय पर मेरे और पार्टी लीडरशिप के खिलाफ की गई सिद्धू की टिप्पणी से कांग्रेस को नुकसान हुआ है। सिद्धू दरअसल मुझे हटाकर मुख्‍यमंत्री बनना चाहते हैं। इसके साथ ही कैप्‍टन ने सिद्धू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के संकेत भी दिए। सिद्धू पर कार्रवाई करने का फ़ैसला पार्टी हाईकमान के हाथ है, लेकिन कांग्रेस अनुसाशनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी।’

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