यूनिक समय, मथुरा। मंदिरों की नगरी में पेट्रोल पंप नहीं है, लेकिन कई दुकानों पर पेट्रोल बिकता है। यकीन नहीं है तो इन दुकानों पर जाकर देख लो। यहां पेट्रोल 100 रु पये लीटर मिलता है। वृंदावन में पहले एक पेट्रोल पंप था, किन्ही कारण से वह बंद हो गया। वृंदावन के शिक्षाविद् डा. ओमजी ने पेट्रोल पंप खुलवाने के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री को पत्र लिखा।
इंडियन ऑयल ने पेट्रोल खुलवाने के लिए डा. ओमजी को जवाब भी दिया। पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई, लेकिन वह कागजों तक सीमित रह गई। पेट्रोल पंप न होने से कुछ दुकानदार रिस्क ले रहे हैं। वह पेट्रोल पंप से कट्टियों में पेट्रोल भरवाकर ले आते हैं और अपनी दुकानों पर चोरी छिपे 100 रुपये लीटर बेचते हैं।
दस रुपये प्रति लीटर बचाने के चक्कर में वह कितनी रिस्क ले रहे हैं,शायद उसका अंदाज नहीं है। यदि गैर कानूनी ढंग से दुकान में पेट्रोल का स्टाक रखा जा रहा है और किसी तरह से आग की चिंगारी गिर जाए या फिर किसी अन्य कारण से आग लग जाए तो स्थिति कितनी भयावह होगी, इसकी कल्पना नहींं की जा सकती है। कितने लोग आग में झुलसेंगे और कितने लोग जान से हाथ धो बैठेंगे। आखिरकार फिर कौन होगा जिम्मेदार। किसी बड़े हादसे के बाद खुलेंगी प्रशासन की आंखें।
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