नई दिल्ली। भारत की पड़ोस पहले की नीति को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से दो दिवसीय दौरे पर भूटान पहुंच गए हैं। पहुंचने के हाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 17 से 18 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों सहित आपसी हितों से जुड़े विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चा करेंगे। जिसमें पनबिजली क्षेत्र में सहयोग सहित दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने का विषय भी शामिल हो सकता है। दौरे से पहले भूटान ने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा था कि वह ऐसे शख्स हैं जो भारत को आगे ले जाना चाहते हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भूटान की उनकी दो दिवसीय यात्रा दोनों देशों के बीच समय की कसौटी पर खरी उतरने वाली मित्रता को और बढ़ावा देगी और एक समृद्ध भविष्य के लिए इसे मजबूत करेगी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, कहा, ’17 और 18 अगस्त को मैं एक द्विपक्षीय यात्रा के लिए भूटान में रहूंगा, जो हमारे विश्वस्त मित्र और पड़ोसी के साथ मजबूत संबंधों से जुड़े उच्च महत्व को दर्शाता है। मैं इस यात्रा के दौरान कई तरह के कार्यक्रमों में भाग ले रहा हूं।’
दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोटे शेरिंग के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। वह भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे। वहीं भूटान के प्रधानमंत्री के साथ बैठक करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री कि यह यात्रा दिखाती है कि सरकार अपने भरोसेमंद दोस्त भूटान के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देती है।
अपने बयान में मंत्रालय ने कहा, अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी की भूटान यात्रा भारत सरकार द्वारा पड़ोस पहले नीति पर जोर दिए जाने के महत्व को दर्शाती है।’ मंत्रालय के अनुसार भारत और भूटान समय की कसौटी पर खरे और विशेष संबंधों को साझा करते हैं। दोनों देशों की सांस्कृतिक धरोहर और लोगों के बीच संपर्क के साथ आपसी समझ और सम्मान का भाव रखते हैं।
मोदी ने कहा कि वह भूटान नरेश, भूटान के पूर्व नरेश और भूटान के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर फलदायी बातचीत करने को लेकर उत्साहित हैं। मोदी इस यात्रा में भूटान की प्रतिष्ठित ‘रॉयल यूनिवर्सिटी’ के छात्रों को भी संबोधित करेंगे।
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