
यूनिक समय, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, गुरुवार को पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान अलीपुरद्वार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मुर्शिदाबाद और मालदा की हालिया हिंसक घटनाओं का हवाला देते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए।
पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल में अपराधियों को खुली छूट दी गई है और यह स्थिति राज्य सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार गुंडों को संरक्षण दे रही है और जनता अब न्याय के लिए केवल अदालत का ही सहारा ले पा रही है। उन्होंने नारा देते हुए कहा, “बंगाल में मची चीख-पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार।”
प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल को कई संकटों से घिरा बताते हुए कहा कि राज्य हिंसा, अराजकता, महिलाओं की असुरक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और गरीबों के हक छिनने जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि इन सभी संकटों के मूल में टीएमसी की “स्वार्थी राजनीति” है।
उन्होंने आयुष्मान भारत योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इन योजनाओं को ठीक से लागू नहीं होने दिया, जिससे लाखों लोगों को लाभ से वंचित रहना पड़ा है। विश्वकर्मा योजना के तहत राज्य से आए आठ लाख से अधिक आवेदन लंबित हैं।
प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार पर शिक्षा व्यवस्था को बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि हजारों शिक्षकों का भविष्य अंधकार में है और लाखों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की कमाई पर भी डाका डाला जा रहा है और अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
सभा के अंत में पीएम मोदी ने ममता सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि टीएमसी न अपनी गलतियां मानती है, न सुधार करती है, बल्कि हर बार अदालत को ही जिम्मेदार ठहरा देती है।
पीएम मोदी का यह भाषण पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावी माहौल को देखते हुए काफी अहम माना जा रहा है। उन्होंने टीएमसी सरकार की नीतियों और शासन शैली पर जनता के सामने सीधे सवाल खड़े किए हैं।
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