पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों संग बैठक: लगातार दो दिन चर्चा में हो सकता है ये एलान, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

  • 16 जून को 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों से बात करेंगे
  • 17 जून को उनकी 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप राज्यपालों से बात करेंगे पीएम
  • दो महीने के लॉकडाउन के दौरान 5 बार प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात कर चुके हैं पीएम
  • देश में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना वायरस के मामलें,केंद्र सरकार हरकत में आई
  • ऐसे में इन 5 बड़े मुद्दों को लेकर पीएम सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर सकते हैं

नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। आधा जून बीतने को है लेकिन कोरोना मरीजों की संख्या 3 लाख के पार पहुंच चुकी है। देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र और राजधानी दिल्ली में हर दिन कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छठी बार बैठक करने वाले हैं। ये बैठक दो दिनों तक अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चलेगी। जिसका शेड्यूल जारी कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री मोदी किन बातों को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर सकते हैं।
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख को पार हो गई है। देश में कोरोना के प्रकोप को रोकने लिए मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसे बाद में तीन बार बढ़ाया गया था। इसके बाद 8 जून से देश में अनलॉक-1 के तहत पाबंदियों में कई तरह की छूट दी गई है।

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सभी राज्यों से ले सकते हैं रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बैठक में सबसे पहला प्रारुप सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बैठक उनके प्रदेश की रिपोर्ट लेना हो सकता है। क्योंकि जिस तरह अनलॉक-1 में ज्यादातर प्रदेशों में कई पाबंदियों में छूट दी गई, उससे पैदा हुए हालातों पर समीक्षा की जा सकती है। ऐसे में ये देखना अहम होगा कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री के समक्ष केन्द्र द्वारा प्रस्तुत की गई गाइडलाइन्स और अपने प्रदेश में लागू हुई गाइडलाइन की समीक्षा भी की जा सकती है। इसके साथ ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनके राज्य में स्थिति एवं बेहतरी के लिए सुझाव भी लिए जा सकते हैं।

दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात के लिए अलग प्लान ?
देश की राजधानी दिल्ली और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी बढ़ रही है। अगर महाराष्ट्र की बात करें तो यहां कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1 लाख को पर गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति दिल्ली की भी है, जहां मरीजों के इलाज पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त टिप्पणी भी की गई है। वहीं गुजरात की बात करें तो गुजरात में कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरूआत से ही मरीजों की संख्या में कमी नहीं आई है। ऐसे में ये देखना अहम होगा की सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के लिए प्रधानमंत्री क्या रणनीति अपनाते हैं।

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फिर से सख्ती बढ़ाने पर विचार
लॉकडाउन-5 के बाद अनलॉक-1 में जिस तरह देश के राज्यों में लोगों को छूट दी गई, उससे लोगों की जिंदगी तो पटरी पर लौटी। लेकिन आंकड़ों के लिहाज से देखें तो लगातार ही कोरोना वायरस के संक्रमण मामले तेजी से बढ़ना शुरू हो गए। ऐसे में कुछ राज्य हैं जहां छूट के चलते कोरोना केसो की संख्या में बंपर उछाल देखा गया है। उदाहरण के लिए पंजाब में कांग्रेस सरकार ने एक दिन पहले ही फैसला किया है कि वो अपने राज्य में सख्ती बढाएगा। क्योंक वहां कोरोना मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। ऐसे में ये भी हो सकता है कि सभी मुख्यमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री के समक्ष इस बात पर भी चर्चा की जा सकती है कि देश में सख्ती बढ़ाने से नतीजों में सुधार देखने को मिल सकता है।

मेट्रो,रेलवे और बसों मिलेगी और छूट ?
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देश में मेट्रो, रेलवे और अन्य यातायात सुविधाओं का सीमित ढ़ंग से ही संचालन हो पा रहा है। ऐसे में देखना भी अहम होगा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस विषय पर भी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की जा सकती है। जहां तक बात करें ट्रेनों के संचालन तो वर्तमान समय में अभी सीमित संख्या में ही ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। ऐस में क्या ट्रेनों के संचालने पर भी अतिरिक्त छूट दी जा सकती है? इस बात पर भी मंथन हो सकता है।
लॉकडाउन की फिर लागू करने की भी अटकलें पर…

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सोशल मीडिया पर कुछ लोग चर्चा कर रहें हैं यहां तक की कुछ मीडिया रिपोर्टस में भी ये दावा कर दिया गया था कि लॉकडाउन को 15 जून के बाद से बढ़ाया जा रहा है। हालांकि सरकार ने फिलहाल के लिए ये साफ किया कि लॉकडाउन अभी कहीं नहीं लागू किया जाएगा। फिलहास सरकार की तरफ से इसका खंडन किया गया है। माना जा रहा है प्रधानमत्री मोदी के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी इस पहलू भी बात हो सकती है।

पहले चरण में इनसे होगी बैठक
प्रधानमंत्री 16 जून को 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों से बात करेंगे। इनमें पंजाब, असम, केरल, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, हिमाचल, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, नगालैंड, लद्दाख, पुडुच्चेरी, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, दादर नगर हवेली ओर दमन दीव, सिक्किम और लक्षद्वीप शामिल हैं। 17 जून को उनकी 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप राज्यपालों से बात होगी। इनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना और ओडिशा शामिल हैं।

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