राजनीति: सीएम योगी के मंदिर पर अखिलेश यादव ने फंसाया नया पेच!

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद में सीएम योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनवाया गया है। इस मंदिर में रोज सुबह-शाम आरती और भजन होते हैं। इस मंदिर को सीएम योगी के एक समर्थक प्रभाकर मौर्य द्वारा बनवाकर तैयार किया गया है। लेकिन सीएम योगी का मंदिर और रोज सुबह-शाम होने वाली आरती विपक्ष को कुछ खास रास नहीं आ रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर इस मंदिर को लेकर तंज कसते नजर आए हैं। हफ्ते में दूसरी बार सपा अध्यक्ष ने मंदिर निर्माण पर सवाल उठाए हैं। इस बार अखिलेश यादव ने मंदिर की जमीन के विवाद का जिक्र करते हुए कहा है कि क्या सरकार इस मामले में कोई एक्शन लेगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रभाकर मौर्य के चाचा रामनाथ मौर्य ने आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रभाकर ने सरकारी बंजर जमीन पर कब्जा कर सीएम योगी का मंदिर बनवाया है। इस बारे में 21 सितंबर को रामनाथ मौर्य ने सीएम योगी को एक पत्र भी भेजा था। जिसमें उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की थी। इसी के आधार पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सीएम योगी पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि अयोध्या में मुख्यमंत्री जी का जो मंदिर बनाया गया है, उसको बनानेवाले के चाचा ने ही यह शिकायत मुख्यमंत्री जी से की है कि वो ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने की बदनीयत से बनाया गया है। अब मुख्यमंत्री जी बताएं कि ऐसे भू-माफ़िया भतीजे पर कार्रवाई वो करेंगे या दिल्ली से विशेष दस्ता आयेगा।

बता दें कि इससे पहले भी अखिलेश यादव ने मंदिर पर तंज कसते हुए ट्वीट किया था कि ये तो उनसे भी दो क़दम आगे निकले… अब सवाल ये है कि पहले कौन? इस दौरान उन्होंने मंदिर में स्थापित सीएम योगी की तस्वीरों को भी अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया था। वहीं शुक्रवार को एक बार फिर उन्‍होंने प्रभाकर के चाचा की शिकायत के आधार पर मंदिर को लेकर सीएम योगी पर निशाना साधा है। दरअसल, प्रभाकर ने यह संकल्प लिया था कि जो भी प्रभु श्री राम की नगरी में उनका दिव्य और भव्य मंदिर बनवाएगा। वह उसका मंदिर बनवाएंगे। अब अयोध्या नगरी में श्री राम के दिव्य और भव्य मंदिर का निमार्ण हो रहा है। तो अपने संकल्प को पूरा करने के लिए प्रभाकर ने योगी आदित्यनाथ के मंदिर का निर्माण करवाया था।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*